Snake bite in India : भारत में मई से लेकर सितंबर के महीने में सर्पदंश की घटनाएं बहुत बढ़ जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के एक आंकड़े के अनुसार दुनिया में हर चार से छह मिनट में एक व्यक्ति सर्पदंश से मरता है। सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें ग्रामीण इलाकों में होती है। सर्पदंश से ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में करीब 82 फीसदी लोगों की मौत (82 Percent Death by Snake bites in Rural and Sub urbans in India) होती है। भारत में मई से लेकर सितंबर के महीनों में भयानक गर्मी और जोरदार बारिश होती है। इसके चलते सांप अपने बिलों से निकलकर इंसानी आबादी के बीच भटककर आ जाते हैं और इसके चलते सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
WHO reports about Snake bite death: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया में हर साल लगभग 50 लाख सर्प दंश की घटनाएं होती हैं लेकिन करीब 27 लाख लोग विषग्रस्त हो जाते हैं। प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, हर साल 81,000 से 138,000 लोगों की मृत्यु (1.38 Lakh Deaths by Snake bites in World) होती है। सांपों के काटने से लगभग 4,00,000 लोगों को अस्थाई या स्थाई विकलांगताएं होती हैं। वहीं भारत में सांपों के काटने से सबसे ज्यादा मौते होती हैं। यहां हर साल सांपों के काटने से करीब 58,000 लोगों की मौत (58 Thousand death by Snake bites in India) हो जाती है। भारत में सर्पदंश के करीब 90 प्रतिशत मामले करैत, कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल वाइपर के कारण होते हैं।
WHO ने वर्ष 2024 में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह बताया था कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में सांप के काटने से सबसे ज्यादा लोगों की मौत की वजह यह है कि इन देशों में लोगों तक एंटीवेनम (Antivenom Injection) यानी सांप के जहर का इलाज की पहुंच नहीं है। भारत में सर्पदंश के मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल या डॉक्टर तक ना ले जाने के चलते होती है। ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में सर्पदंश के मामलों में मरीजों को झाड़फूंक या तंत्र और मंत्र करने वालों के पास ले जाया जाता है। कमोबेश यही आलम पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश की भी है।
स्रोत: बिहार पर्यावरण संरक्षण अभियान (BIPSA)
Updated on:
16 Jul 2025 05:29 pm
Published on:
16 Jul 2025 02:14 pm