प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में मुंबई के चार ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क के खिलाफ की गई, जिसमें ईडी ने 3.3 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है। इसके अलावा छापों के दौरान लग्जरी घड़ियां, कीमती आभूषण, विदेशी मुद्रा, लग्जरी वाहन और नकदी गिनने की मशीनें भी जब्त की गई हैं।
ईडी ने 9 जनवरी 2025 को इंदौर के लसूडिया थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की थी और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए)-2002 के तहत मामला दर्ज किया था। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 319(2) और 318(4) (पूर्व में आईपीसी की धारा 419 और 420) के तहत अपराध दर्ज किए गए।
जांच के दायरे में कई अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म्स हैं। इन प्लेटफॉर्म्स का संचालन व्हाइट लेबल ऐप्स के जरिए किया जाता था, जिनके एडमिन अधिकार लाभ के हिस्से के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे को सौंपे जाते थे।
जांच में सामने आया है कि विशाल अग्निहोत्री, जो वी मनी और 11स्टार्स के लाभार्थी मालिक हैं, उन्होंने लोटस बुक सट्टा प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5 प्रतिशत लाभ के आधार पर हासिल किए थे। बाद में उन्होंने ये अधिकार धवल देवराज जैन को हस्तांतरित कर दिए, जिसमें उन्होंने खुद 0.125 प्रतिशत हिस्सा रखा और बाकी 4.875 प्रतिशत जैन को दिया गया। इसके बाद धवल जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म तैयार किया और उसे 11स्टार्स चलाने के लिए अग्निहोत्री को मुहैया कराया।
इस पूरे नेटवर्क में नकदी का संचालन हवाला के जरिए किया जा रहा था, जिसकी जिम्मेदारी मयूर पंड्या उर्फ पंड्या नामक हवाला ऑपरेटर संभाल रहा था। वह सट्टेबाजी से संबंधित नकद लेनदेन और भुगतान की व्यवस्था करता था। फिलहाल ईडी इस मामले से जुड़े डिजिटल साक्ष्यों, वित्तीय रिकॉर्ड्स और नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच कर रही है।
IANS
Updated on:
16 Jul 2025 03:51 pm
Published on:
16 Jul 2025 03:49 pm