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Drone: रडार की पकड़ में आए बगैर बम गिरा सकता है यह ड्रोन, 20 साल के दो भारतीय छात्रों ने बनाया; जान लें खासियत

बिट्स पिलानी, हैदराबाद कैंपस के दो छात्रों, जयंत खत्री और शौर्य चौधरी, ने कम संसाधनों में एक खास ड्रोन विकसित किया है जो रडार की पकड़ से बचते हुए बम गिरा सकता है। दोनों 20 साल के हैं और यह ड्रोन उन्होंने हॉस्टल के कमरे में बनाया।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (फोटो- पत्रिका)

अगर जुनून हो तो कम संसाधनों में भी कमाल किया जा सकता है। बिट्स पिलानी के हैदराबाद कैंपस में दो छात्रों ने इसी तरह का कमाल कर दिखाया।

उन्होंने ऐसा ड्रोन बनाया है, जो रडार की पकड़ में आए बगैर बम गिरा सकता है। हॉस्टल के कमरे में यह ड्रोन अजमेर (राजस्थान) के जयंत खत्री और कोलकाता के शौर्य चौधरी ने बनाया। दोनों 20 साल के हैं।

दोनों बिट्स पिलानी के हैदराबाद कैंपस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। जयंत मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं तो शौर्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के। उनका बनाया ‘कामिकेज’ ड्रोन 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।

जयंत खत्री और शौर्य चौधरी ने हॉस्टल के कमरे में ड्रोन पर काम शुरू किया था। उन्होंने बेकार पड़े पुर्जों को जोडक़र ड्रोन बनाया।

इसे बनाने में भारत के मौसम और भू-भाग का ध्यान रखा गया, ताकि सेना आसानी से संचालित कर सके। जब उन्हें लगा कि उनके बनाए ड्रोन कारगर हैं तो उन्होंने ‘अपोलियन डायनेमिक्स’ नाम से स्टार्टअप खोला।

परीक्षणों के बाद सेना से मिल गया ऑर्डर

जयंत बताते हैं कि हमने सेना के कई अफसरों को ई-मेल किया और अपनी बात रखी। एक कर्नल ने ड्रोन का डेमो देने के लिए चंडीगढ़ बुलाया। दोनों दोस्तों ने अपने कामिकेज ड्रोन से बम गिराकर लाइव डेमो दिया।

बाद में ड्रोन का अलग-अलग रेजिमेंटों के सामने डेमो किया गया। शुरुआती परीक्षणों के बाद भारतीय सेना को ड्रोन पसंद आ गया। जयंत और शौर्य को सेना से ऑर्डर मिल गया है।

गिराएगा एक किलो से ज्यादा का पेलोड

दोनों छात्रों ने बताया कि ड्रोन लक्ष्य पर एक किलो से ज्यादा का पेलोड सटीक तरीके से गिरा सकता है। सेना से ऑर्डर मिलने के बाद उनकी टीम बड़ी हो गई है।

दूसरे वर्ष के छह और छात्र स्टार्टअप में शामिल हो गए हैं। उनका अगला लक्ष्य फिक्स्ड विंग, वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग वाले उत्पाद तैयार करना है।