Economic Emergency: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने भारत (India) पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत पर अमेरिकी टैरिफ 7 अगस्त से प्रभावी होगा। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है। अमेरिकी टैरिफ ने भारतीय निर्यातकों के पेशानी पर बल बढ़ा दिया है। इन सब को देखते हुए पाकिस्तान (Pakistan) ने अपना रंग दिखाया है।
पाकिस्तान प्रोपेगेंडा फैला रहा है कि भारत की मोदी सरकार (Modi Government) अमेरिकी टैरिफ से घबरा गई है। पाकिस्तानी अकाउंट ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने आर्थिक अपातकाल लागू कर दिया है। देश का 60 बिलियन डॉलर का बाजार जल्द ही तबाह होने वाला है। PIB ने वायरल दावे को सिरे से खारिज किया है। प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। भारत में किसी भी तरह का आर्थिक आपातकाल घोषित नहीं किया गया है। PIB ने लोगों को सलाह दी है कि वह सिर्फ आधिकारिक स्त्रोतों से जारी होने वाली खबरों पर भरोसा करें।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जिस तरह से आगे बढ़ रही है। उसे देखते हुए लगता है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अभी दूर की कौड़ी है। सितंबर महीने से पहले इस डील के होने की संभावना बेहद कम है। उन्होंने कहा कि ट्रेड डील की संभावित समय समय अक्टूबर है।
हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों ने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत के लिए 25 फीसदी अमेरिकी टैरिफ एक बुरी खबर है। उन्होंने कहा कि भारत को यह संकल्प लेना होगा कि वह डील पर बातचीत को आगे ले जाए और भारतीय उत्पादों पर रियायती टैरिफ लागू हो। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स शुल्क और जुर्माने के बिना, भारत का 25 फीसदी टैरिफ अन्य देशों की तुलना में कम है। जो ट्रेड डील को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।
आज सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्हें पता चला है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा।
ट्रंप ने कहा कि मुझे नहीं पता कि यह बात सही है या गलत। अगर इस बात में सच्चाई है तो यह एक अच्छा कदम होगा। बाकी देखते हैं क्या होता है।
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। ANI ने सूत्रों के हवाले कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। भारतीय रिफाइनरियां रूस से तेल खरीद रही हैं। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि अमेरिका और रूस की तकरार से उन्हें फर्क नहीं पड़ता और उनके लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश है, जिसका उत्पादन करीब 9.5 मिलियन बैरल प्रति दिन है।
Updated on:
02 Aug 2025 11:53 am
Published on:
02 Aug 2025 11:52 am