भारतीय कोस्ट गार्ड (आईसीजी) का एक एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) एमके-3 मिशन के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान का फ्रेम नंबर सीजी 863 है और वह एक मेडिकल इवैक्यूएशन मिशन पर था। हेलीकॉप्टर 2 सितंबर की रात मोटर टैंकर हरि लीला से गंभीर रूप से घायल चालक दल के सदस्य को एयरलिफ्ट करने के लिए एक आपातकालीन मिशन पर गया था। भारतीय नौसेना और अन्य एजेंसियों की भागीदारी के साथ कोस्ट गार्ड की अगुवाई में खोज अभियान तेज कर दिया गया है। घटना की जांच में मदद के लिए गिरे हुए हेलीकॉप्टर के मलबे की भी तलाश जारी है।
4 में से दो सवारों की हुई मौत
अधिकारियों ने बताया, "हम गहन तलाशी अभियान के लिए दो विमान और चार जहाज तैनात कर रहे हैं। हमने भारतीय नौसेना से सहायता मांगी है और साइड-स्कैन सोनार तकनीक से लैस एक जहाज के जल्द ही इस मिशन में शामिल होने की उम्मीद है।" जब हेलीकॉप्टर नीचे गिरा, तो उसमें चार लोग सवार थे- दो पायलट और दो एयर क्रू गोताखोर। दुर्घटना के बाद आईसीजी ने बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया। चालक दल के एक सदस्य को बचा लिया गया है, जबकि दो अन्य को बचाया नहीं जा सका है।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों की पहचान कमांडेंट (जूनियर ग्रेड) विपिन बाबू और प्रधान नाविक करण सिंह के रूप में हुई है। उनके अवशेष समुद्र से बरामद किए गए हैं और सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। केरल के अलप्पुझा निवासी कमांडेंट बाबू और हरियाणा के झज्जर निवासी प्रधान नाविक करण सिंह के पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
स्थानीय मछुआरों से भी मांगी गई मदद
टीएम कमांडेंट राकेश कुमार राणा का पता लगाने के लिए खोज अभियान अब भी जारी है। वह दुर्घटना के समय हेलीकॉप्टर के पायलट थे। साइड-स्कैन सोनार सिस्टम विस्तृत समुद्री तल की तस्वीरें तैयार करने में मदद करते हैं, जिससे डूबी हुई वस्तुओं का पता लगाना संभव हो पाता है। तटरक्षक बल ने खोज में सहायता के लिए गुजरात मत्स्य विभाग और स्थानीय मछुआरों से भी सहायता मांगी है।
Published on:
05 Sept 2024 03:40 pm