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‘Supreme Court के फैसले से सहमत नहीं, आज भी छुआछूत के आधार पर होता है भेदभाव’ SC-ST में क्रीमी लेयर पर चिराग पासवन ने खोला मोर्चा

Chirag Paswan on Creamy Layer: एससी-एसटी (SC-ST) में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मैदान में उतर आए हैं।

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chirag paswan

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान (Photo - IANS)

Chirag Paswan on Creamy Layer: एससी-एसटी (SC-ST) में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मैदान में उतर आए हैं। चिराग पासवान ने इस पर कहा, ‘हम भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से असहमत हैं और हमने इस असहमति को प्रमुखता से दर्ज कराया है। हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि अनुसूचित जाति का आधार छुआछूत से भरा है इसका कोई शैक्षणिक या आर्थिक आधार नहीं है। ऐसे में इसमें क्रीमी लेयर का प्रावधान सही नहीं हो सकता आरक्षण के अंदर आरक्षण सही नहीं है, क्योंकि आज भी दलित युवा का उदाहरण दिया जाता है। ऐसे कई बड़े नाम हैं, जो ऊंचे पदों पर हैं, लेकिन फिर भी उनके मंदिर जाने पर मंदिर को गंगा जल से धोया जाता है, इसलिए आज भी छुआछूत के आधार पर भेदभाव होता है। LJP (रामविलास) भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार 1 अगस्त 2024 को 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था। फैसले में कहा कि राज्य इन समूहों में सबसे वंचित जातियों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए SC और ST को और उप-वर्गीकृत कर सकते हैं। इस फैसले का समर्थन करने वाले 6 में से 4 जजों ने अलग-अलग फैसले लिखे, इसमें क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया गया।

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