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Bihar SIR Row: तेजस्वी के बाद मुकेश सहनी ने एसआईआर में फर्जीवाड़े का लगाया आरोप, कहा- मेरी पत्नी मुंबई में रहती है लेकिन…

Voter List Row: VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट जारी किया है, उसमें बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है। मेरी पत्नी मुंबई में रहती है लेकिन यहां पर उनका नाम जोड़ दिया है।

पटना

Ashib Khan

Aug 02, 2025

मुकेश सहनी ने SIR में फर्जीवाड़े का लगाया आरोप (Photo-@souravreporter2)

Bihar SIR Row: बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासत तेज हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि वोटर लिस्ट से उनका नाम कट गया है। तेजस्वी यादव के दावे को चुनाव आयोग ने झूठा करार दिया। वहीं अब विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने एसआईआर में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। मुकेश सहनी ने कहा कि मेरी पत्नी मुंबई रहती हैं, लेकिन उसका नाम बिहार के वोटर लिस्ट में डाल दिया है। मुकेश सहनी के इस बयान के बाद एक बार फिर एसआईआर को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।

SIR को लेकर EC पर बोला हमला

मुकेश सहनी ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमला बोला है। VIP प्रमुख ने कहा कि हम पहले ही दिन से कह रहे है कि एसआईआर के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग हैं उनके नाम काटे जा रहे है और जो नहीं है उनके नाम जोड़े जा रहे है। 

पत्नी का नाम जोड़ा- मुकेश सहनी

VIP अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट जारी किया है, उसमें बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है। मेरी पत्नी मुंबई में रहती है लेकिन यहां पर उनका नाम जोड़ दिया है। बीजेपी के लिए चुनाव आयोग काम कर रहा है। लोकतंत्र खतरे में है। 

65 लाख लोगों के काटे नाम

मुकेश सहनी ने कहा कि चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट जारी कर दिया है, इसके मुताबिक 65 लाख लोगों के नाम काटे गए। अगर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नाम काटे गए है और फर्जी वोटर थे तो लोकसभा चुनाव में विजयी सभी सांसदों की सदस्यता रद्द होनी चाहिए। इसी मतदाता सूची से पिछला लोकसभा चुनाव हुआ था।

तेजस्वी यादव ने एक्स पर किया पोस्ट

राजद नेता तेजस्वी यादव ने एसआईआर को लेकर सोसल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। तेजस्वी ने लिखा- मतदाता सूची पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन SIR 2025) की प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की गई है। चुनाव आयोग अब अपने ही वादों से पलट रहा है। 65 लाख मतदाताओं के वोट काटने के बाद भी नई ड्राफ्ट सूची में अस्पष्टता है। निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार अपने निर्णय बदलने, पारदर्शिता से पीछे हटने तथा विपक्ष के सुझावों, शिकायतों और मांगों की अनदेखी कर अधकचरी लिस्ट जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है।