
तेजस्वी यादव (Photo-ANI)
Bihar Assembly elections:बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार का दौर आज थम जाएगा। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी। ऐसे में NDA और इंडिया गठबंधन के नेता पूरी ताकत झोंके हुए हैं। पहले चरण में माइलेज लेने के लिए तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान कर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है। इस बार का वोट परिवर्तन का वोट होगा। जनता पुरानी सरकार को उखाड़ फेकेगी।
तेजस्वी ने कहा कि सरकार बनते ही माई बहिन योजना लागू कर दी जाएगी। मकर संक्रांति के दिन पूरे एक साल का 30 हजार रुपए माताओं-बहनों के खाते में डाले जाएंगे। जीविका दीदियों का भी उद्धार किया जाएगा। उन्हें भी स्थाई नौकरी दी जाएगी और 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। पांच लाख रुपए का बीमा कवरेज मिलेगा और ब्याज माफ किया जाएगा। पुलिसकर्मी, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी की पोस्टिंग उनके गृह जिले से 70 किलोमीटर के भीतर दी जाएगी। किसानों के लिए MSP तय की जाएगी। धान की फसल पर एमएसपी के अलावा प्रति क्विंटल तीन सौ रुपये, गेहूं पर प्रति क्विंटल चार सौ रुपये बोनस दिया जाएगा।
तेजस्वी यादव इस बात को बखूबी जानते हैं कि 14 फीसदी यादव और 17 फीसदी मुसलमान का वोट उनके साथ है। अतिरिक्त वोटों के लिए कांग्रेस, वामदल और VIP जैसी पार्टियां भी है, लेकिन यह काफी नहीं है। ऐसे में उन्होंने पूरा जोर योजनाओं और ऐलान पर लगा दिया है। उन्होंने एक से बढ़कर एक बड़े ऐलान किए हैं।
इस पर तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की नौकरियों में 100 फीसदी डोमिसाइल नीति और 65% आरक्षण लागू करने की बात कही है। वहीं, पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून बनाने का भी ऐलान किया है। बिहार में औद्योगिक विकास, स्पोर्ट्स हब, एजुकेशन सिटी और इंडस्ट्रियल जोन स्थापित कर लाखों रोजगार देने का वादा किया है।
महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव का ऐलान जमीनी हकीकत से कोषों दूर है। अगर तेजस्वी सीएम बनते हैं और इन योजनाओं पर अमल करते हैं तो पहले से बीमारू राज्य बिहार आर्थिक रूप से गर्त में जा सकता है।
बिहार की आबादी 13 करोड़ है। लगभग 2.7 करोड़ परिवार रहते हैं। हर परिवार को यदि चतुर्थ श्रेणी की भी सरकारी नौकरी देने पर 5.5 लाख करोड़ का सालाना खर्च बैठता है।
बिहार के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कर चुके बेरोजगारों को हर महीने क्रमश: 2000 रुपए और 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई है। ऐसे में इसका सालाना खर्च 10 हजार करोड़ रुपए है। बता दें कि बिहार में जातीय सर्वे के हिसाब से 90 लाख ग्रेजजुए और पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
महागठबंधन हर गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवार को 25 लाख का बीमा कराएगा। राज्य में कम से कम 94 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। अगर हर साल 47 फीसदी परिवार बीमा क्लेम करते हैं तो राज्य सरकार को 12 हजार करोड़ रुपए व्यय करना होगा।
200 यूनिट फ्री बिजली पर खर्च 16 हजार करोड़ रुपए सालाना आएगा। इसके अलावा जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए मासिक आय, माई-बहिन योजना के जरिए 2500-2500 रुपए, 1500 रुपए वृद्धा पेंशन पर आने वाला खर्च जोड़ा जाए तो कुल खर्च 6 लाख करोड़ से ज्यादा आएगा, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बिहार का बजट 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपए था।
Updated on:
04 Nov 2025 11:32 am
Published on:
04 Nov 2025 11:31 am
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