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‘हर महिला के खाते में 14 जनवरी को आएंगे 30 हजार’, चुनाव प्रचार का शोर थमने से पहले तेजस्वी का बड़ा ऐलान, अब तक क्या वायदे किए

Bihar Assembly elections: तेजस्वी यादव ने एक बार फिर ऐलान किया है कि सरकार बनने पर 14 जनवरी को महिलाओं के खाते में रुपए भेजे जाएंगे, जानिए तेजस्वी के वादों पर कितना होगा कुल खर्च...

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Mahagathban manifesto 2025

तेजस्वी यादव (Photo-ANI)

Bihar Assembly elections:बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार का दौर आज थम जाएगा। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी। ऐसे में NDA और इंडिया गठबंधन के नेता पूरी ताकत झोंके हुए हैं। पहले चरण में माइलेज लेने के लिए तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान कर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है। इस बार का वोट परिवर्तन का वोट होगा। जनता पुरानी सरकार को उखाड़ फेकेगी।

तेजस्वी ने कहा कि सरकार बनते ही माई बहिन योजना लागू कर दी जाएगी। मकर संक्रांति के दिन पूरे एक साल का 30 हजार रुपए माताओं-बहनों के खाते में डाले जाएंगे। जीविका दीदियों का भी उद्धार किया जाएगा। उन्हें भी स्थाई नौकरी दी जाएगी और 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। पांच लाख रुपए का बीमा कवरेज मिलेगा और ब्याज माफ किया जाएगा। पुलिसकर्मी, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी की पोस्टिंग उनके गृह जिले से 70 किलोमीटर के भीतर दी जाएगी। किसानों के लिए MSP तय की जाएगी। धान की फसल पर एमएसपी के अलावा प्रति क्विंटल तीन सौ रुपये, गेहूं पर प्रति क्विंटल चार सौ रुपये बोनस दिया जाएगा।

किन-किन वादों के सहारे है महागठबंधन को वोट की आस

तेजस्वी यादव इस बात को बखूबी जानते हैं कि 14 फीसदी यादव और 17 फीसदी मुसलमान का वोट उनके साथ है। अतिरिक्त वोटों के लिए कांग्रेस, वामदल और VIP जैसी पार्टियां भी है, लेकिन यह काफी नहीं है। ऐसे में उन्होंने पूरा जोर योजनाओं और ऐलान पर लगा दिया है। उन्होंने एक से बढ़कर एक बड़े ऐलान किए हैं।


  1. हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी: यह तेजस्वी का सबसे बड़ा ऐलान है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद 20 दिनों में 'रोजगार गारंटी अधिनियम' लाकर 20 महीनों में राज्य के प्रत्येक परिवार (जहां कोई सरकारी नौकरी न हो) में से एक व्यक्ति सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने करीब 2.5 करोड़ सरकारी नौकरी का लक्ष्य रखा है।




  2. जीविका दीदियों को साधने की कवायद: जीविका दीदियों को जदयू के अध्यक्ष व बिहार के सीएम नीतीश कुमार का अदृश्य कार्यकर्ता कहा जाता है। इन्हें अपने पाले में करने के लिए तेजस्वी ने स्थायी नौकरी, 30 हजार रुपए मासिक वेतन का वादा किया है।




  3. युवा आयोग का गठन और 100 फीसदी डोमिसाइल नीति: रोजगार को लेकर बिहार में बीते कुछ सालों से युवाओं ने कई प्रदर्शन किए हैं। साथ ही, राज्य सरकार से सरकारी भर्तियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की अपील की है। दरअसल, बिहार राज्य शिक्षक भर्ती परीक्षा में बाहरी राज्यों के शिक्षिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इसके बाद डोमिसाइल नीति की बात उठी।

इस पर तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की नौकरियों में 100 फीसदी डोमिसाइल नीति और 65% आरक्षण लागू करने की बात कही है। वहीं, पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून बनाने का भी ऐलान किया है। बिहार में औद्योगिक विकास, स्पोर्ट्स हब, एजुकेशन सिटी और इंडस्ट्रियल जोन स्थापित कर लाखों रोजगार देने का वादा किया है।


  1. 'माई-बहन-मान' योजना: हर महिला को ₹2,500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। वृद्धावस्था पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,500 प्रतिमाह देने की बात कही है। सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों के लिए OPS बहाली का ऐलान किया है। 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 500 रुपए में सिलेंडर गैस देने की बात अपने संकल्प पत्र में कही है।

वादों पर कितना करना होगा सरकार बनने पर खर्च

महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव का ऐलान जमीनी हकीकत से कोषों दूर है। अगर तेजस्वी सीएम बनते हैं और इन योजनाओं पर अमल करते हैं तो पहले से बीमारू राज्य बिहार आर्थिक रूप से गर्त में जा सकता है।

बिहार की आबादी 13 करोड़ है। लगभग 2.7 करोड़ परिवार रहते हैं। हर परिवार को यदि चतुर्थ श्रेणी की भी सरकारी नौकरी देने पर 5.5 लाख करोड़ का सालाना खर्च बैठता है।

बिहार के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कर चुके बेरोजगारों को हर महीने क्रमश: 2000 रुपए और 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई है। ऐसे में इसका सालाना खर्च 10 हजार करोड़ रुपए है। बता दें कि बिहार में जातीय सर्वे के हिसाब से 90 लाख ग्रेजजुए और पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

महागठबंधन हर गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवार को 25 लाख का बीमा कराएगा। राज्य में कम से कम 94 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। अगर हर साल 47 फीसदी परिवार बीमा क्लेम करते हैं तो राज्य सरकार को 12 हजार करोड़ रुपए व्यय करना होगा।

200 यूनिट फ्री बिजली पर खर्च 16 हजार करोड़ रुपए सालाना आएगा। इसके अलावा जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए मासिक आय, माई-बहिन योजना के जरिए 2500-2500 रुपए, 1500 रुपए वृद्धा पेंशन पर आने वाला खर्च जोड़ा जाए तो कुल खर्च 6 लाख करोड़ से ज्यादा आएगा, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बिहार का बजट 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपए था।