कोलकाता पुलिस ने हाल ही में भारत में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी मॉडल सांता पॉल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद जब उसके घर को खंगाला गया तो भारत के फर्जी पहचान पत्र मिले। उसक घर से पुलिस ने वोटर आईडी और दो आधार कार्ड बरामद किए थे।
इसके बाद से पुलिस इस जांच में जुट गई थी कि दस्तावेज बनवाने में सांता पॉल की मदद किसने की? जिसका अब खुलासा हो चुका है। बांग्लादेशी मॉडल के लिए फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज उपलब्ध कराने के आरोप में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान सौमिक दत्ता (36) के रूप में हुई है। उसे उसके घर से ही गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि पिछले हफ्ते गिरफ्तार की गई बांग्लादेशी मॉडल के लिए फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों सहित अवैध दस्तावेजों की व्यवस्था करने में मदद करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। हम अवैध दस्तावेजों के साथ उसे देश में रहने में मदद करने में उसकी भूमिका की जांच कर रहे हैं। अधिक जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
28 जुलाई को, पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने दक्षिण कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके में एक फ्लैट से सांता पॉल को गिरफ्तार किया था। पासपोर्ट आवेदन के दौरान उसके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच के बाद पुलिस को शक हुआ था। गिरफ्तारी के दौरान, सांता के गोल्फ ग्रीन अपार्टमेंट से कई बांग्लादेशी दस्तावेज बरामद किए गए।
पता चला है कि पेशे से मॉडल पॉल वैध वीजा के साथ भारत आई थी, लेकिन उसकी अवधि समाप्त होने से पहले लौटने के बजाय, उसने उस अवधि के दौरान अपने लिए आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे नकली भारतीय दस्तावेज हासिल कर लिए।
विदेश मंत्रालय ने कोलकाता पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया है कि पॉल का वीजा 2021 में समाप्त हो गया था और उसके बाद से वह अवैध रूप से देश में रह रही है।
इस घटनाक्रम के साथ, यह सवाल उठने लगे हैं कि ऐसे मामलों में विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRO) की निगरानी कितनी प्रभावी है, क्योंकि नियमानुसार, जब कोई विदेशी नागरिक देश में आता है, तो यह केंद्रीय कार्यालय इस बात पर नजर रखता है कि क्या वह व्यक्ति अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद वापस लौटा या नहीं। यदि कोई विदेशी अपने देश नहीं लौटता है, तो FRO पुलिस को सूचित करता है।
Published on:
05 Aug 2025 02:42 pm