ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लगातार चुनावी जीत के पीछे का राज खोलते हुए बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की जीत का मंत्र विपक्ष की नाकामी और हिंदू वोटों का एकीकरण है। 17 मई 2025 को हैदराबाद में मीडिया एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा, "बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है क्योंकि विपक्ष पूरी तरह नाकाम रहा है और बीजेपी ने हिंदू वोटों को अपने पक्ष में एकजुट कर लिया है।" ओवैसी ने सवाल उठाया, "अगर मैं हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज और कुछ अन्य सीटों पर चुनाव लड़ता हूं और बीजेपी 240 सीटें जीतती है, तो क्या मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं?"
ओवैसी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नाकामी के कारण बीजेपी को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, "विपक्ष को मेरे साथ बैठकर आंकड़े दिखाने चाहिए। बीजेपी मेरी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की विफलता की वजह से सत्ता में है।" उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए मजबूत नेतृत्व की वकालत की और कहा, "यादव नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। ऊंची जाति के लोग नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। यह कहां का न्याय है?"
AIMIM ने हाल के वर्षों में बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में, अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। हालांकि, ओवैसी ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को अभी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कहा, "हम नागरिक बनना चाहते हैं।" उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बीजेपी की जीत को रोकने में विपक्ष की तरह ही सीमित रही।
कई विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, AIMIM पर बीजेपी की 'B-टीम' होने का आरोप लगाते रहे हैं। इस पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, "यह सरासर झूठ है।" उन्होंने विपक्ष से आंकड़ों के साथ बहस करने की चुनौती दी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की रणनीति, जिसमें हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों को केंद्र में रखा गया, ने उसे व्यापक समर्थन दिलाया है। वहीं, विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी और रणनीतिक कमजोरियां उनकी हार का बड़ा कारण रही हैं। ओवैसी का यह बयान न केवल बीजेपी की रणनीति पर प्रकाश डालता है, बल्कि विपक्ष को आत्ममंथन के लिए भी मजबूर करता है।
ओवैसी का यह बयान भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है। जहां एक ओर बीजेपी अपनी जीत के मंत्र को और मजबूत करने में जुटी है, वहीं विपक्ष के सामने एकजुट होकर प्रभावी रणनीति बनाने की चुनौती है। AIMIM भी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों में सक्रिय हो रही है, लेकिन उसका प्रभाव अभी भी सीमित है।
Updated on:
18 May 2025 06:32 pm
Published on:
18 May 2025 04:54 pm