Jharkhand Excise Scam: झारखंड के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने करोड़ों रुपये के कथित उत्पाद शुल्क घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने इस मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक आईएएस अधिकारी भी शामिल है, जो राज्य सरकार में प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर चुका है। आरोपियों की पहचान आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, उत्पाद एवं निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव और झारखंड राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक तथा उसी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के रूप में हुई है।
एसीबी ने चौबे पर झारखंड में नई शराब नीति तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है। एसीबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरोपियों ने उचित प्रक्रियाओं और कानूनी प्रावधानों का पालन किए बिना प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन करके कथित तौर पर अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया। एसीबी ने कहा कि जांच में आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी के सबूत सामने आए हैं, जिसके परिणामस्वरूप झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 120बी, 420, 467, 468, 471, 409, 407, 109 और नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराएं शामिल हैं, साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) के प्रासंगिक प्रावधान भी शामिल हैं।
कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने एक विशेष जांच दल का गठन किया। चौबे और सिंह दोनों को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
Published on:
21 May 2025 09:55 am