दामोदर नदी में बही 65 वर्षीय महिला (File Photo)
पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो चमत्कार से कम नहीं है। 'बंगाल का शोक' के नाम से कुख्यात दामोदर नदी की तेज धारा में बह गई 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 45 किलोमीटर दूर से जिंदा बचाया गया। स्थानीय ग्रामीणों की तत्परता और महिला की हिम्मत ने इस हादसे को त्रासदी में तब्दील होने से बचा लिया।
घटना रविवार दोपहर रैना थाना क्षेत्र के जकता गांव की है। मातुरी टुडू (65) नाम की यह महिला अकेले दामोदर नदी में स्नान करने गई थीं। अचानक डैम से पानी छोड़े जाने और तेज बारिश के कारण नदी का बहाव उफान पर आ गया। आंखों के सामने महिला के बहने की खबर फैलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। परिवार और ग्रामीणों ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
लगभग 45 किलोमीटर नीचे, जमालपुर ब्लॉक के एक गांव में नदी किनारे कुछ ग्रामीणों ने बहती हुई महिला को देखा। उन्होंने फौरन कूदकर मातुरी को नदी से बाहर निकाला। महिला बेहोश अवस्था में मिलीं, लेकिन चिकित्सकों ने बताया कि वह खतरे से बाहर हैं। अस्पताल में होश आने पर मातुरी ने बताया, "मैं नहाने गई थी, तभी अचानक पानी की धारा तेज हो गई। किसी तरह मैं एक लकड़ी के टुकड़े को पकड़कर बची रही। भगवान ने मेरी रक्षा की।"
दामोदर नदी, जो कभी बाढ़ों के कारण 'शोक की नदी' कहलाती थी, आज भी मानसून में खतरनाक साबित हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि डैम प्रबंधन और मौसम पूर्वानुमान में सुधार की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। फिलहाल, मातुरी का इलाज चल रहा है और वह जल्द घर लौटने वाली हैं।
Updated on:
07 Oct 2025 11:41 am
Published on:
07 Oct 2025 10:33 am
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