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रिश्वत लेने वाले कर्मियों सहित दो अन्य कर्मचारी हुए लोकायुक्त दफ्तर भोपाल हुए तलब, सीएमएचओ से भी पूछताछ

-बीते दिवस रंगहाथ पकडऩे टे्रपिंग में लोकायुक्त टीम को लगे थे 7 घंटे, सात दिन पहले एक बाबू को ही सीएमएचओ ने सौंप दिए थे सभी प्रभार

रिश्वत लेने वाले कर्मियों सहित दो अन्य कर्मचारी हुए लोकायुक्त दफ्तर भोपाल हुए तलब, सीएमएचओ से भी पूछताछ
रिश्वत लेने वाले कर्मियों सहित दो अन्य कर्मचारी हुए लोकायुक्त दफ्तर भोपाल हुए तलब, सीएमएचओ से भी पूछताछ

नर्मदापुरम. जिला स्वास्थ्य विभाग सीएमएचओ कार्यालय में लोकायुक्त के छापे और 30 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ाए लेखापाल महेश कुमार मेवारी, लिपिक गजेंद्र वर्मा, कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नगाइच सहित स्थापना शाखा के बाबू अशोक गढ़वाल, लीगल शाखा के कर्मचारी आनंद सोनी को भी लोकायुक्त कार्यालय भोपाल तलब किया गया। सभी से प्रकरण के संबंध में सघन पूछताछ की गई है। सीएमएचओ डॉ. दिनेश दहलवार से भी इन्वेस्टिगेशन में मुख्य तौर पर यह पूछा गया कि उनके रहते हुए यह रिश्वतखोरी क्यों और कैसे हो रही थी। उन्होंने इसे रोकने के लिए क्यों एक्शन नहीं लिया और अधिनस्थ कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय एक्शन क्यों नहीं लिया। लोकायुक्त टीआई के मुताबिक पूछताछ और जांच के बाद अगर उनकी संलिप्तता पाई जाती है उनके खिलाफ भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के रूप में एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि जिस जिला नर्सिंग हेल्थ ऑफिसर निर्मला थंडवाल से 50 हजार रुपए का सौदा कर 30 हजार रुपए वसूले गए उन्होंने स्वास्थ्य संचालनालय, सीएमएचओ को उनके एरियर्स के साढ़े सात लाख रुपए के भुगतान की गुहार लगाई थी। भुगतान नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली जिसमें कोर्ट ने तत्काल भुगतान के आदेश दिए थे। हैरत की बात ये है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा था और ऊपर से रिश्वत मांगी जा रही थी। यह कृत्य न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में भी आता है। टे्रपिंग के दौरान लोकायुक्त टीम ने उक्त तीनों आरोपियों से नोट जब्त कर इनके हाथ धुलवाए थे। इसके सैंपल भी शाशियों भरकर इन्हें सील पैक कराकर इनके हस्ताक्षर भी करवाए थे।

विवेचना अधिकारी करेंगे जांच

लोकायुक्त कार्यालय भोपाल के मुताबिक कायमी कर्ता अधिकारी टीआई आशीष भट्टाचार्य के बाद अब नए अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा जा रहा है। ये अधिकारी समूचे प्रकरण की विवेचना कर आरोप पत्र तैयार कर कोर्ट में पेश करेंगे। जांच में कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। इन्वेस्टिगेशन का पार्ट होने से इसका खुलासा नहीं किया गया है।

दिनभर छाया रहा दफ्तर में सन्नाटा

टे्रपिंग के दूसरे दिन शुक्रवार को जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय में स्थापना शाखा, कंप्यूटर शाखा सहित अन्य प्रमुख शाखाओं में दिनभर सन्नाटा छाया रहा। कर्मचारियों में कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है।

7 दिन पहले ही बदल दिया था प्रभार, एक बाबू को ही सभी प्रभार

उक्त रिश्वतखोरी के मामले के पकड़ाए एवं टे्रपिंग के सात दिन पहले ही स्थापना सहित एनएचएम की सभी श्रेणियों के प्रभार एवं कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति शाखा का प्रभार भी सीएमएचओ ने बदल दिया था। यह सभी प्रभार सहायक ग्रेड-3 रविशंकर दुबे को सौंपा गया। जिसमें जिस जिला नर्सिंग हेल्थ ऑफिसर निर्मला थंडवाल ने लोकायुक्त में शिकायत एवं टे्रपिंग करवाई उनसे डीपीएनएचओ कक्ष की चाबी भी रविशंकर दुबे को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। इसी तरह अनुकंपा नियुक्ति शाखा में पदस्थ प्रकाश डेहरिया से भी समस्त प्रभार वापस ले लिए गए। जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम को भी कर्मचारियों के सेवा अभिलेख मय सूचीबद्ध कर उपलब्ध कराने के निर्देश एवं रविशंकर दुबे को स्थानीय कार्यालय में कक्ष क्रमांक 17 में बैठकर कार्य करने के लिए गया था।