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हम नहीं सरकार के भरोसे, खुद का जुटा रखा है स्कूल फंड, आवश्यकता पड़ने पर विद्यालय विकास में काम लेते राशि

200 रुपए से शुरुआत आज लाखों रुपए जमा, नागौर के खुड़खुड़ा खर्द गांव में ग्रामीणों ने बनाया विकास कोष, 15 अगस्त व 26 जनवरी पर एकत्र राशि रखते हैं जमा, जरूरत पड़ने पर मरम्मत कार्य, खेल प्रतियोगिताओं में करते हैं खर्च

GPS khurkhura khurd

नागौर. जिले की मूण्डवा पंचायत समिति के खुड़खुड़ा खुर्द गांव के ग्रामीण, स्कूल भवनों की मरम्मत व विकास कार्यों के लिए सरकार के भरोसे नहीं हैं। यहां के ग्रामीण स्कूल वार ‘विकास कोष’ में राशि जमा रखते हैं । यह राशि जरूरत पड़ने पर विद्यालय विकास के साथ भवन मरम्मत व सामान्य आवश्यकताओं पर खर्च की जाती है। गांव में दो प्राथमिक स्तर के तथा एक उच्च प्राथमिक स्तर का स्कूल है। तीनों के अलग-अलग कोष हैं, जो ग्रामीणों के पास रहता है और आवश्यकता पड़ने पर विद्यालय विकास व बच्चों की बेहतर शिक्षा पर खर्च किया जाता है।

खुड़खुड़ा खुर्द के ग्रामीण भले ही उनके बच्चे स्कूल में नहीं पढ़े, लेकिन वे समय-समय पर स्कूल जाकर निरीक्षण अवश्य करते हैं। इसी का परिणाम है कि इस गांव के तीनों सरकारी विद्यालयों के भवन अच्छी हालत में हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय, खुड़खुड़ा खुर्द के शिक्षक संजय ने बताया कि ग्रामीणों ने विकास कोष से एक इन्वर्टर दिया है। विद्यालय भवन की दीवारों पर पत्थर की पट्टियां रखवाकर छत की पूरी मरम्मत करवाई, ताकि बारिश का पानी नहीं टपके। विद्यालय को जब भी आवश्यकता होती है सहयोग करते हैं।

मरम्मत व उपकरणों पर करते खर्च

महेन्द्र खुड़खुडि़या सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 15 अगस्त व 26 जनवरी पर जब वे स्कूलों में एकत्र होते हैं तो शिक्षकों से वहां की जरूररतों के बारे में पूछते हैं। कई बार शिक्षक भवन मरम्मत की तो कई बार इन्वर्टर, प्रिंटर, कम्प्यूटर, लाइट सहित अन्य उपकरणों की मांग करते हैं। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध करवा दिया जाता है। जब ब्लॉक स्तरीय या जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता करवानी होती है तो उसमें भी खिलाडि़यों के खाने-पीने व पुरस्कारों के लिए आर्थिक सहयोग किया जाता है। अकाल में गौशाला की गायों के लिए चारे उसी बजट से चारा भी खरीदा जाता है।

200 रुपए से हुई शुरुआत

ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पूर्व नागौर के रतनलाल माली सरकारी विद्यालय के स्वतंत्रता दिवस समारोह में आए थे। उस समय बच्चों को लड्डू वितरित करने के लिए ग्रामीण 10-10, 20-20 रुपए जुटाकर 150 से 200 रुपए एकत्र करते थे। यह देखकर उन्होंने अपनी जेब से 200 रुपए दिए और ग्रामीणों की ओर से एकत्र किए गए रुपए जमा रखने को कहा। उन्हें देखकर ग्रामीण राजूराम खुड़खुडि़या ने भी 150 रुपए दिए। उसी दिन से यह परम्परा चल पड़ी। उसके बाद जो भी विद्यालय खुला, उसका अलग से विकास कोष बनाया गया। आज तीनों विद्यालयों का अलग-अलग लाखों में कोष है।

ग्रामीणों का अच्छा सहयोग

ग्रामीणों ने स्कूल की आवश्यकता को देखते विकास कोष बना रखा है, जिसमें गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर कुछ फंड एकत्र कर जोड़ देते हैं और जरूरत पड़ने पर विद्यालय विकास पर खर्च करते हैं। कुछ समय पूर्व विद्यालय में मंच व 100 गुणा 100 का सीमेंटेड फर्श बनाया है। वहां बच्चे प्रार्थना करते हैं।

- सम्पत भारती, प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंधा के पास, खुड़खुड़ा खुर्द