नागौर जिले में तीखी तपन के बाद शनिवार दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव आया। आसमान में घने बादल छा गए और तेज धूलभरी आंधी शुरू हो गई। इसके बाद तूफानी बारिश का दौर चालू हो गया। वहीं ओलावृष्टि हुई जो करीब 15-20 मिनट तक चली। बेर और नींबू के आकार के ओले गिरे। इस दौरान नागौर सहित जिले के कई गांवों और कस्बों में भी ओलावृष्टि हुई। कई जगह ओलों के कारण सफेद चादर बिछी नजर आई। नागौर में शनिवार शाम 7.45 बजे तक 4.5 एमएम बरसात दर्ज की गई।
नागौर में शनिवार को सुबह से तेज गर्मी का असर बना रहा। दोपहर तक लोग परेशान रहे। दिन में करीब ढाई बजे के आसपास अचानक मौसम पलटा। तेज हवा शुरू हो गई और हल्की बूंदाबांदी का दौर चला। इसके बाद एकबार मौसम खुल गया। लेकिन शाम करीब 4 बजे के बाद के बाद फिर बरसात शुरू हुई। घने बादलों के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया। इसके बाद बरसात का दौर शुरू हो गया। करीब 25-30 मिनट तक तेज बारिश से परनाले बह निकले।
आंधी के कारण कई जगह पेड़ गिर गए। कुछ स्थानों पर बिजली के तार टूट गए। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ। अचानक तेज आंधी, बारिश और ओले से बचने के लिए लोग इधर-उधर बचाव करते दिखे। बरसात के चलते गर्मी का असर काफी हद तक कम हो गया। लोगों को तेज तपन से राहत मिली।
मौसम विभाग ने नागौर के लिए 4 व 5 मई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 40-60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से धूलभरी तेज हवा और मेघगर्जन के साथ बरसात की आशंका जताई गई है। इसी तरह 6 व 7 मई को यलो अलर्ट हुआ है। इस दौरान भी आंधी-तूफान और बरसात की चेतावनी जारी की है।
कुचेरा, तरनाऊ, बासनी, नावां, चौसला, परबतसर, डीडवाना, मूण्डवा सहित कई गांवों में खेतों और सडक़ों पर ओलों की चादर बिछ गई। आंधी के कारण ग्रामीण इलाकों में टिन-छप्पर उड़ गए।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक हरीश मेहरा ने बताया कि खेती की तैयारियों में लगे काश्तकारों के लिए बारिश अच्छी साबित होगी। कठोर हुई मिट्टी नम होने से किसानों को जुताई करने में आसानी होगी। चारा फसलों के लिए यह बारिश संजीवनी है।
Published on:
03 May 2025 08:32 pm