नागौर. सरकार भले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों की 25 प्रतिशत उपज खरीदने के दावे करती है, लेकिन धरातल पर उपज का 10 फीसदी भी एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता, यही वजह है कि किसानों को बाजार में पूरे भाव नहीं नहीं मिलते और न ही उनकी आय बढ़ रही है। हालांकि सरकार किसानों की आय दुगुनी करने का दावा कर रही है, लेकिन एमएसपी पर होने वाली खरीद कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत भी नहीं है, ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की आय कैसे बढ़ेगी?
राज्य सरकार के कृषि आयुक्तालय के संयुक्त निदेशक कृषि टीसी गुप्ता की ओर से विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान की मूंग, मूंगफली, कपास, गेहूं व सरसों जैसी प्रमुख फसलों की एमएसपी पर खरीद केवल दिखावा मात्र है। वर्ष 2023-24 में खरीफ फसलों की खरीद काफी कम थी। उड़द व सोयाबीन की तो खरीद ही नहीं हुई।
प्रदेश में इन फसलों की होती है एमएसपी पर खरीद
राजस्थान प्रदेश में एमएसपी पर खरीफ फसलों में मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, कपास की खरीद होती है, जबकि रबी फसलों में गेहूं, चना व सरसों की खरीद की जाती है।
प्रदेश में प्रमुख फसलों का उत्पादन व एमएसपी पर खरीद
खरीफ फसलें : वर्ष 2024-25 में
फसल - उत्पादन - एमएसपी पर खरीद - खरीद का प्रतिशत
मूंग - 15,01,000 - 1,45,887 - 9.72
उड़द - 1,98,000 - 36 - 0.02
मूंगफली - 23,73,000 - 3,42,247 - 14.42
सोयाबीन - 11,97,000 - 98,867 - 8.26
कपास - 18,45,000 - 24,606 - 1.33
रबी फसलें : वर्ष 2023-24
फसल - उत्पादन - एमएसपी पर खरीद - खरीद का प्रतिशत
गेहूं - 1,20,17,000 - 12,05,240 - 10.03
चना - 25,18,000 - 1252 - 0.05
सरसों - 55,57,000 - 3,51,813 - 6.33
नोट : उत्पादन व एमएसपी खरीद के आंकड़े टन में।
बाजरा की नहीं होती खरीद
पश्चिमी राजस्थान में बाजरा बहुतायात में उगाया जाता है। सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी घोषित कर रखा है, लेकिन खरीद नहीं होती। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि बाजरा का एमएसपी बाजार भाव से कम है, इसलिए किसान को एमएसपी पर बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ती। प्रदेश में वर्ष 2023-24 में बाजरा का उत्पादन 43,83,000 टन तथा वर्ष 2024-25 में 46,70,000 टन उत्पादन हुआ था।
मूंग और सरसों में उठाना पड़ रहा बड़ा नुकसान
एमएसपी पर मूंग की 25 फीसदी भी खरीद नहीं होने के कारण किसानों को बाजार में प्रति क्विंटल 1500 से 2000 हजार रुपए तक नुकसान झेलकर बेचना पड़ता है। इसी प्रकार सरसों का बाजार मूल्य भी एमएसपी से कम होने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
Published on:
27 Jul 2025 11:57 am