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विंटेज कारों, ऊंटों और घोड़ों पर निकली गंगा जल कलश यात्रा, बंशीवाला मंदिर में चढ़ाया 16 तोला सोने का छत्र

अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन में उमड़ा आस्था का सैलाब, शहरवासियों ने लिया आशीर्वाद, जगह-जगह हुई पुष्पवर्षा, बंशीवाला मंदिर में किन्नरों ने की पूजा-अर्चना, नागौर की खुशहाली की कामना

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विंटेज कारों, ऊंटों और घोड़ों पर निकली किन्नर समाज की गंगा जल कलश यात्रा

विंटेज कारों, ऊंटों और घोड़ों पर निकली किन्नर समाज की गंगा जल कलश यात्रा

नागौर.शहर के माली समाज भवन में चल रहे अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन के तहत शनिवार को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह किन्नर समाज की ओर से गंगा जल कलश यात्रा का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए गादीपति किन्नर, समाज के वरिष्ठ सदस्य और शहरवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कलश यात्रा माली समाज भवन से शुरू होकर विजय वल्लभ चौक, दिल्ली दरवाजा होते हुए गांधी चौक से होती हुई बंशीवाला मंदिर पहुंची, जहां किन्नरों ने भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में 16 तोला सोने का छत्र अर्पित किया।

कलश यात्रा (फूल-पत्ती का जुलूस) के दौरान किन्नर पारंपरिक परिधानों एवं सोने के आभूषणों से सजे-धजे कोई ऊंट-घोड़ों पर सवार थे तो कोई विंटेज कारों, बग्गियों एवं लग्जरी गाडिय़ों में बैठकर चल रहे थे। दो किन्नरों ने गंगा जल से भरे चांदी के कलश सिर पर धारण किए हुए थे। इस दौरान बाहर से बुलाए गए बैंड ने कलश यात्रा को चार चांद लगा दिए। बग्गियों, विंटेज कारों, ऊंटों और घोड़ों पर सवार किन्नरों की यह शोभायात्रा जब शहर के प्रमुख मार्गों से निकली तो हर तरफ देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह पुष्पवर्षा कर लोगों ने उनका स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। बंशीवाला पहुंचने पर डीडवाना से आए उद्यमी जीवण सेठ ने नागौर की गादीपति रागनी बाई व अजमेर की गादीपति सलोनी बाई का स्वागत कर आशीर्वाद लिया।

जमकर किया नृत्य

कलश यात्रा के मार्ग में ढोल-नगाड़ों की थाप, भक्ति संगीत और नृत्य की झलक ने माहौल को और भी भव्य बना दिया। किन्नरों ने बैंड की धुन व डीजे की धमक और भांगड़ा नृत्य करने वालों के साथ किन्नरों ने भी जगह-जगह जमकर नृत्य किया। कई सामाजिक संगठनों और व्यापारिक संस्थानों ने जलपान व स्वागत द्वार लगाकर किन्नरों का अभिनंदन किया। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि नागौर में इस तरह का आयोजन पहली बार इतनी भव्यता से हुआ है, जिसने धार्मिक एकता और सामाजिक सद्भाव का सुंदर संदेश दिया।

आमजन के खुशहाली की कामना

बंशीवाला मंदिर पहुंचने पर किन्नरों ने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करके पूरे जिले की सुख-समृद्धि व शांति की कामना की। इसके बाद 16 तोला सोने का छत्र मंदिर में चढ़ाया गया। मंदिर प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालुओं ने किन्नर समाज की इस अनूठी भक्ति भावना की सराहना की। मंदिर के पुजारी महेश ने सभी किन्नरों के चंदन का तिलक लगाया। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने किन्नर समाज के गादीपतियों का सम्मान किया।

भगवान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक

महासम्मेलन में भाग लेने पहुंचे प्रमुख किन्नर गुरुओं ने बताया कि यह सोने का छत्र समर्पण समाज की आस्था और भगवान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज हमेशा से धार्मिक आयोजनों और लोक कल्याण के कार्यों में अग्रणी रहा है। नागौर की पवित्र भूमि पर गंगा जल कलश यात्रा का आयोजन उनके लिए गौरव का क्षण है। कार्यक्रम के दौरान शहरभर में उत्सव जैसा माहौल रहा। कई श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचकर किन्नरों से आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़े।

सम्मेलन का उद्देश्य पहचान को सशक्त बनाना

किन्नरों ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य किन्नर समाज की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक पहचान को सशक्त बनाना है। शनिवार की यह गंगा जल कलश यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी, बल्कि समाज के हर वर्ग के बीच एकता, समानता और सौहार्द का संदेश भी दे गई। बंशीवाला से चांदी के कलशों में गंगा जल भरने के बाद पूरे शहर में घुमाया गया और फिर कार्यक्रम स्थल पर बनाए गए मंदिर में किन्नर समाज के पंचों ने रखे।