नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत दो दिन पहले जारी किया गया खरीफ 2024 व रबी 2024-25 का क्लेम ऊंट के मुंह में जीरा समान भी नहीं है। फसल खराबे के बावजूद बीमा कम्पनी ने किसानों को एक प्रतिशत से भी कम क्लेम देकर खिलवाड़ किया गया है। किसानों के मोबाइल पर आए मैसे देखकर उनके आंसू निकल रहे हैं। किसानों को कहना है कि पहले फसल खराब हुई तो रोए और अब बीमा कम्पनी ने 100-200 रुपए का क्लेम देकर घिनौना मजाक किया है।
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व झुंझुनूं में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2024 व रबी- 2024-25 का फसल बीमा क्लेम भुगतान किया। कार्यक्रम का जिस प्रकार प्रचार-प्रसार किया गया, उसे देखकर किसानों को उम्मीद बंधी थी कि इस बार अच्छा क्लेम आएगा, लेकिन जब खाते में आई राशि देखी तो उनके होश उड़ गए। नागौर जिले के सैकड़ों किसानों को क्लेम के नाम पर 100 से 500 रुपए तक का क्लेम दिया गया है, जबकि बीमा लाखों रुपए का किया गया और हजारों रुपए में प्रीमियम वसूला गया था। प्रीमियम से भी कम क्लेम मिलने से किसानों में कम्पनी के प्रति रोष उत्पन्न हो रहा है।
फैक्ट फाइल
खरीफ 2024 :
कुल बीमा - 3,54,793
कुल क्षेत्रफल - 3,21,066 हैक्टेयर
किसानों का प्रीमियम - 27.55 करोड़
राज्य व केन्द्र सरकार का प्रीमियम शेयर - 98.60 करोड़
अब तक क्लेम दिया - 36.61 करोड़ रुपए
रबी 2024-25
कुल बीमा - 1,56,869
कुल क्षेत्रफल - 1,45,460 हैक्टेयर
किसानों का प्रीमियम - 26.95 करोड़
राज्य व केन्द्र सरकार का प्रीमियम शेयर - 33.42 करोड़
अब तक क्लेम दिया - 37.16 करोड़ रुपए
इन प्रकरणों से समझिए पूरा मामला
केस एक - फरड़ौद निवासी किसान भंवरलाल ने 2.3237 हैक्टेयर में मूंग की फसल का 1,08,521 रुपए का बीमा करवाया था, जिसके लिए किसान से 2170.43 रुपए तथा सरकार से 8681.74 रुपए का प्रीमियम वसूला गया। फसल खराब होने के करीब एक साल बाद बीमा कम्पनी ने क्लेम जारी किया है और वो भी 459 रुपए। यह बीमा राशि का मात्र 0.42 प्रतिशत है।
केस दो - खुडख़ुड़ा निवासी बाउड़ी देवी ने खरीफ 2024 में करीब छह हैक्टेयर में बोई गई मूंग, कपास व बाजरा की फसल का बीमा करवाया, जिसमें से केवल 3 बीघा में बोई गई बाजरा की फसल का क्लेम 119.71 रुपए दिया गया है। शेष फसलों का क्लेम अभी नहीं दिया है। किसान ने बताया कि बाजरा की फसल के लिए उससे 241.57 प्रीमियम लिया गया, जबकि सरकार का शेयर 966 रुपए था। जिसके हिसाब से बाजारा की बीमा राशि 12078.50 रुपए थी, जिसकी तुलना में 0.99 प्रतिशत क्लेम दिया।
बीमा योजना पर खड़े हो रहे सवाल
किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों को अधिक से अधिक फसल बीमा करवाने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ किसानों को बीमा राशि का एक प्रतिशत से भी कम क्लेम देकर खिलवाड़ किया जा रहा है। फसल बीमा योजना में किसान से ज्यादा प्रीमियम खुद सरकार भर रही है, इसके बावजूद बीमा कम्पनियां किसानों को लाभ देने की बजाए खुद की जेब भर रही हैं, इससे बीमा योजना पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। किसानों ने कहा कि यदि कम्पनी ने उचित क्लेम नहीं दिया तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
क्रॉप कटिंग के आधार पर मिला क्लेम
फसल बीमा क्लेम क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट के आधार पर ही मिला है। हमारा इसमें कोई रोल नहीं है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जो रिपोर्ट भेजी, उसी के आधार पर क्लेम बना है।
- अक्षय तिवाड़ी, जिला कॉर्डिनेटर, एआईसी, नागौर
Published on:
14 Aug 2025 11:35 am