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जहां चाह, वहां राह: राजस्थान में यहां ग्रामीणों ने खुद के पैसे से बदली स्कूल की तस्वीर, बोले- सरकार के भरोसे नहीं रहते

राजस्थान के एक जिले में ग्रामीणों ने बच्चों के भविष्य के लिए सराहनीय कार्य किया है। ग्रामीणों ने अपने पैसे से स्कूल फंड बनाया है। ये लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को पैसे एकत्रित करते हैं। पढ़िए श्यामलाल चौधरी की रिपोर्ट...

नागौर

Arvind Rao

Aug 04, 2025

Nagaur Khudkhuda Khurd Villagers
प्राथमिक विद्यालय, बंधा-नागौर (फोटो- पत्रिका)

नागौर: प्रदेश में बारिश के दौरान गिर रही सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतें, हादसों और पूर्व सूचना के बाद भी सरकार की ओर से इनकी मरम्मत नहीं कराए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। इन सबके बीच नागौर जिले की मूंडवा पंचायत समिति के खुड़खुड़ा खुर्द के ग्रामीण, स्कूल भवनों की मरम्मत व विकास कार्यों के लिए सरकार के भरोसे नहीं हैं।


बता दें कि यहां के ग्रामीण स्कूल वार ‘विकास कोष’ में राशि जमा रखते हैं। यह राशि जरूरत पड़ने पर विद्यालय विकास के साथ भवन मरम्मत और सामान्य आवश्यकताओं पर खर्च की जाती है। गांव में दो प्राथमिक स्तर के तथा एक उच्च प्राथमिक स्तर का स्कूल है। तीनों के अलग-अलग कोष बनाया हुआ है, जिसका संचालन भी ग्रामीण ही करते हैं।


200 रुपए से हुई शुरुआत


ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पूर्व नागौर के रतनलाल माली सरकारी विद्यालय के स्वतंत्रता दिवस समारोह में आए थे। उस समय बच्चों को लड्डू वितरित करने के लिए ग्रामीण 10-10, 20-20 रुपए जुटाकर 150 से 200 रुपए एकत्र करते थे। यह देखकर उन्होंने अपनी जेब से 200 रुपए दिए और ग्रामीणों की ओर से एकत्र किए गए रुपए जमा रखने को कहा। उन्हें देखकर ग्रामीण राजूराम खुड़खुड़िया ने भी 150 रुपए दिए। उसी दिन से यह परम्परा चल पड़ी।


मरम्मत व उपकरणों पर करते खर्च


महेंद्र खुड़खुड़िया सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 15 अगस्त व 26 जनवरी पर जब वे स्कूलों में एकत्र होते हैं तो शिक्षकों से वहां की जरूरतों के बारे में पूछते हैं। कई बार शिक्षक भवन मरम्मत की तो इन्वर्टर, प्रिंटर, कम्प्यूटर, लाइट सहित अन्य उपकरणों की मांग करते हैं। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध करवा दिया जाता है। साथ ही खेल प्रतियोगिता में भी सहयोग किया जाता है।


ग्रामीणों का अच्छा सहयोग


ग्रामीणों ने स्कूल की आवश्यकता को देखते विकास कोष बना रखा है, जिसमें गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर कुछ फंड एकत्र कर जोड़ देते हैं और जरूरत पड़ने पर विद्यालय विकास पर खर्च करते हैं। कुछ समय पूर्व विद्यालय में मंच व 100 गुणा 100 का सीमेंटेड फर्श बनाया है। वहां बच्चे प्रार्थना करते हैं।
-संपत भारती, प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंधा के पास, खुड़खुड़ा खुर्द