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नागौर में मानसून का बदला ट्रेंड: 5 साल से लगातार औसत से अधिक बारिश

औसत बारिश 363.27 मिमी मानी जाती है, वहीं बीते पांच वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल औसत से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है

राजस्थान का नागौर जिला जो कभी कम वर्षा वाले क्षेत्रों में गिना जाता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में मानसून की दृष्टि से एक अलग पहचान बना रहा है। जहां जिले की औसत बारिश 363.27 मिमी मानी जाती है, वहीं बीते पांच वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल औसत से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है। यह न केवल जलवायु परिवर्तन का संकेत देता है, बल्कि जिले की कृषि, जलस्रोतों और पर्यावरणीय संरचना पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है।

मानसून की गतिविधियों में स्थायीत्व

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नागौर में मानसून की गतिविधियों में स्थायीत्व और मजबूती आई है। पहले जहां वर्षा की अनिश्चितता बनी रहती थी, वहीं अब यह अपेक्षाकृत लगातार और भरपूर हो रही है। यह परिवर्तन स्थानीय जलवायु, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी, और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता जैसे कारकों से जुड़ा है।

पांच सालों में कैसे बढ़ी बरसात

पिछले पांच वर्षों में नागौर जिले में बारिश में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। जिसने मौसम के मिजाज को ही बदल दिया है। जहां वर्ष 2020 में 434.08 मिमी बारिश हुई थी, वहीं 2021 और 2022 में यह क्रमश: 491.15 और 501.23 मिमी तक पहुंच गई। वर्ष 2023 में थोड़ी गिरावट आई और बारिश 452.84 मिमी रही, लेकिन 2024 में रिकॉर्ड तोड़ 599.66 मिमी बरसात दर्ज की गई। जो जिले की औसत बारिश 363.27 मिमी से लगभग 65 फीसदी अधिक है। आंकड़ों से साफ है कि नागौर में पिछले पांच सालों में बारिश का ग्राफ लगातार ऊपर की ओर गया है।

अब तक नागौर में असामान्य बारिश

जिले में अब तक कुल 86.22 एमएम बरसात हो चुकी है। जबकि 1 से 27 जून तक मानसून की सीजन में 37.35 एमएम सामान्य बरसात मानी गई है। लेकिन इस सीजन में बरसात का दौर जिले में बना हुआ है। नागौर शहर सहित आसपास बारिश का सिलसिला लगातार बना है।