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गेस्ट फैकल्टी में लगे सहायक आचार्य मानसिक व आर्थिक शोषण का शिकार, 5 माह से नहीं मिला मानदेय

सरकार ने राजकीय राजसेस कॉलेजों में न स्थाई व्याख्याता लगाए और न ही गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों को मिला मानदेय, राजकीय राजसेस कॉलेजों के संचालन पर संकट, विद्या संबल योजना में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों से जुड़ा मामला

khajwana college

नागौर. राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा विभाग में एनसीपी 2020 लागू होने के पश्चात 371 राजसेस कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली के तहत अध्यापन कार्य व अधिकतर कॉलेज की अन्य सभी प्रकार की शिक्षण गतिविधियों का जिम्मा विद्या संबल योजना में लगे गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों के भरोसे है। इसके बावजूद गेस्ट फैकल्टी में लगे सहायक आचार्य पिछले 5 माह से मानदेय को तरस रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में राजसेस के तहत 371 राजकीय कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें सहायक आचार्यों के 2597 पद रिक्त हैं। सरकार ने इन कॉलेजों में सहायक आचार्यों की स्थाई नियुक्ति करना तो दूर, प्राचार्य तक नहीं लगाए हैं।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश के केवल 99 कॉलेजों में प्रतिनियुक्ति प्राचार्य लगाए हैं, शेष स्थानों पर पूरा कॉलेज गेस्ट फैकल्टी में लगे सहायक आचार्यों के भरोसे संचालित हैं। उन्हें मानदेय भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। ये सहायक आचार्य विद्यार्थियों के हित तथा राजसेस कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए अपना फर्ज बखूबी निभा रहे हैं, सरकार व विभाग का इनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं है।

आदेशों की अनदेखी

कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने मई माह में राजसेस कॉलेजों में प्राचार्यों को वित्तीय शक्तियां प्रदान करते हुए आदेश जारी किया था तथा प्रत्येक राजसेस कॉलेज में पीडी खाते खुलवाने तथा राजसेस कॉलेजों के वित्तीय खर्च व इनमें कार्यरत गेस्ट फैकल्टी का वेतन इन्हीं पीडी खातों से करने के निर्देश दिए थे। यह प्रक्रिया जून माह तक पूरी करनी थी, लेकिन अधिकांश कॉलेज में अभी तक पीडी खाते नहीं खुले हैं। हाल ही में आयुक्तालय ने राजसेस कॉलेजों में बजट व वित्तीय कार्य सम्पादित करने के लिए लेखाधिकारी प्रथम की नियुक्ति करने व नोडल कॉलेज के लेखाधिकारी को इन कॉलेजों के वित्तीय कार्य को पूरा करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किए हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होने तक पुरानी प्रक्रिया से ही गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों को मानदेय देने को कहा था।

घर चलाना हुआ मुश्किल

ये शिक्षक पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण मानसिक व आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। इधर-उधर से उधार लेकर परिवार चलाने को मजबूर हैं। गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों ने कहा कि सरकार व उच्च शिक्षा विभाग उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान देकर शीघ्र समाधान करें अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।

समस्याओं का हो समाधान

मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा विभाग के मुखिया उप-मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि 371 राजसेस कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों को ‘राजसेस हायरिंग ऑफ मेनपावर रूल्स 2023’ का लाभ देते हुए समायोजित करें, ताकि गेस्ट फैकल्टी सहायक आचार्यों को इन सभी समस्याओं का बार-बार सामना न करना पड़े तथा इन कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था का सुचारू रूप संचालन होता रहे।

- डॉ. गणेशाराम, सहायक आचार्य (गेस्ट फैकल्टी), विद्या संबल योजना, राजस्थान

बजट नहीं मिला है

गेस्ट फैकल्टी के मानदेय के लिए आयुक्तालय को लिख दिया है, बजट के अभाव में दो-तीन महीने का भुगतान अटका हुआ है।

- डॉ. हरसुखराम छरंग, प्राचार्य, श्री बीआर मिर्धा राजकीय कॉलेज, नागौर