महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोल तालुका स्थित नांदनी जैन मठ की 'माधुरी' उर्फ 'महादेवी' हथिनी को वापस लाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों का प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में रविवार को एक शांतिपूर्ण मूक पदयात्रा निकाली गई। यह पदयात्रा नांदनी से लेकर कोल्हापुर जिला कलेक्टर कार्यालय तक निकली, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। इस पदयात्रा में पूर्व सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी भी शामिल हुए। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, हमारी 'माधुरी' को मठ में वापस लाना ही न्याय होगा। यह अन्याय है।
राजू शेट्टी ने कहा, महादेवी (हथिनी) जब गांव से जा रही थी, तब उसके आंखों में आंसू थे। उसने मंदिर को प्रणाम किया, फिर गांव को अलविदा कहा। यह केवल एक जानवर नहीं, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा का हिस्सा है। जिस मठ ने 700 वर्षों तक हाथियों की सेवा और देखभाल की, उस पर भीख मंगवाने जैसे संगीन आरोप लगाए गए। ये बहुत अन्यायपूर्ण है।
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महादेवी हथिनी को गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी परिवार के वन्यजीव संरक्षण केंद्र 'वनतारा' भेजा गया। इस फैसले का भारी विरोध कोल्हापुर में हुआ। लोगों ने भावुक होकर विदाई दी, पुलिस के वाहनों पर आक्रोशित लोगों ने पत्थरबाजी भी की। इसके साथ ही विरोध में जियो के बहिष्कार का आह्वान भी किया गया। साथ ही महादेवी की वापसी के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
राजू शेट्टी ने अपने भाषण में कहा, ऐसा लगने लगा है कि महाराष्ट्र और देश मुकेश और अनंत अंबानी के गुलाम बन गए हैं। मुकेश अंबानी और अनंत अंबानी ने एक प्राणी संग्रहालय बनाया है, जिसका नाम है 'वनतारा'। उन्होंने 'वनतारा' को फर्जी संस्था कहा और तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने आगे कहा, 1200 साल पहले अस्तित्व में आए नंदनी मठ में 700 से ज़्यादा वर्षों से हाथियों की देखभाल और पालन-पोषण की परंपरा रही है। अब आरोप लगाए जा रहे है कि मठ हाथियों का इस्तेमाल भीख मांगने के लिए करता है। क्या एक 1200 साल पुराने मठ की परंपरा की कोई अहमियत नहीं बची है? माधुरी 35 सालों से किसानों के खेतों में खेल रही है, लेकिन उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। आज उसे जबरन दूर भेजकर पूरे गांव को आहत पहुंचाया गया है।
Published on:
03 Aug 2025 08:12 pm