Prostitution Racket Busted: महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई शहर के करीब नायगांव में वेश्यावृत्ति रैकेट का भंडाफोड़ कर 12 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की को बचाया गया है। यह कार्रवाई पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई और दो स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) एक्सोडस रोड इंडिया फाउंडेशन (Exodus Road India Foundation) और हार्मनी फाउंडेशन (Harmony Foundation) के संयुक्त प्रयास से की गई।
पुलिस को सूचना मिली थी कि नायगांव के एक घर में एक 12 साल 5 महीने की नाबालिग लड़की को जबरन देह व्यापार में धकेला गया है। पुलिस ने छापा मारा और न सिर्फ उक्त लड़की को, बल्कि एक अन्य 20 वर्षीय बांग्लादेशी महिला को भी वहां से रेस्क्यू किया।
बताया जा रहा है कि 12 वर्षीय पीड़िता बांग्लादेश के एक स्कूल में पढ़ती थी और परीक्षा में फेल होने के बाद परिवार के डर से घर से चली गई। उसी दौरान गांव की एक महिला ने उसे बहला-फुसलाकर अवैध घुसपैठ कर भारत लाया। नाबालिग को पहले कोलकाता लाया गया, जहां उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया, फिर उसे मुंबई भेजा गया। यहां नायगांव के एक घर में उसे एक बुजुर्ग दंपति के साथ रखा गया। उसके साथ 7 से 8 और लड़कियां वहां थीं। एक दिन बुजुर्ग शख्स ने उसे पहले नशीला इंजेक्शन दिया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया।
हार्मनी फाउंडेशन के अनुसार, इसके बाद 12 वर्षीय पीड़िता को कई ग्राहकों के पास भेजा गया और लगातार ड्रग्स देकर उसका यौन शोषण किया गया। यहां तक कि गिरोह के सरगना खालिद बपारी और उसके साथियों द्वारा उसे जबरन अलग-अलग शहरों में भेजा गया।
यह ऑपरेशन 26 जुलाई को मीरा-भायंदर-वसई-विरार पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक के निर्देशन में पुलिस निरीक्षक देविदास हांडोरे की टीम द्वारा अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में तीन बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद खालिद बपारी, जुबेर शेख और शमिन सरदार को गिरफ्तार किया है। दोनों पीड़िताओं को अब सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और उनके पुनर्वास व मानसिक चिकित्सा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।
Published on:
06 Aug 2025 05:20 pm