
किडनैपर रोहित आर्या की पुलिस की कार्रवाई में मौत (Patrika Photo)
मुंबई के आरए स्टूडियो में बंधक बनाए गए सभी 17 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि किडनैपर रोहित आर्या (38) की जवाबी कार्रवाई में मौत हो गई है। मुंबई पुलिस ने बताया कि रोहित ने बचाव अभियान के दौरान पुलिस पर एयर गन से फायरिंग की, जिसके बाद जवाबी फायरिंग की गई। गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटनास्थल से एक एयरगन और कुछ केमिकल बरामद किया गया है।
मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को हुए आरए स्टूडियो बंधक कांड के आरोपी रोहित आर्या की मौत हो गई है। पुलिस ने 17 बच्चों और दो वयस्कों को सुरक्षित बचा लिया है। पुलिस की कार्रवाई में रोहित को गोली लगी थी और वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस ऑपरेशन में मुंबई पुलिस, क्राइम ब्रांच और विशेष दस्ता शामिल था। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान मुंबई पुलिस ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि किसी भी बंधक को कोई नुकसान न पहुंचे।
यह सनसनीखेज मामला गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे सामने आया, जब पवई के आरए स्टूडियो से सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने ऑडिशन देने आये बच्चों को इमारत के अंदर बंद कर लिया है। किडनैपर रोहित आर्या उसी स्टूडियो में बतौर कर्मचारी काम करता था, पिछले कुछ दिनों से वहीं ऑडिशन ले रहा था। उसने आज 17 नाबालिग बच्चों को बंधक बना लिया और स्टूडियो को अंदर से बंद कर दिया। जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्टूडियो के बाहर अभिवावकों की भीड़ लग गई। सूचना मिलते ही तुरंत मुंबई पुलिस की टीमें पहुंची और स्टूडियो को चारों तरफ से घेर लिया। बाद में त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) के आठ कमांडो को बाथरूम के रास्ते ऑडिशन रूम में भेजा गया। क्यूआरटी (Quick Reaction Team) ने यह ऑपरेशन सिर्फ 35 मिनट में अंजाम दिया और सभी बंधकों को सुरक्षित निकल लिया गया।
घटना के दौरान रोहित आर्या ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उसने खुद को सामान्य नागरिक बताते हुए कहा कि वह किसी से पैसे नहीं मांग रहा, बल्कि कुछ नैतिक और सरल सवालों पर बातचीत करना चाहता है। उसने कहा, “मैं आत्महत्या करने की बजाय एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को बंधक बनाया है ताकि कुछ लोगों से बात कर सकूं। मेरी मांगें बहुत साधारण हैं, मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं। बस चाहता हूं कि मेरी बात सुनी जाए।”
वीडियो में रोहित ने यह भी चेतावनी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह इमारत में आग लगा सकता है, खुद को और बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा। अगर बच्चों को नुकसान पहुंचा तो इसके लिए उसे जिम्मेदार न ठहराया जाए। उसने साथ ही चेतावनी दी टी कि अगर आक्रामक कदम उठाया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है।
मुंबई जोन-10 के डीसीपी दत्ता नलावडे के अनुसार, पुलिस ने पहले रोहित से बातचीत कर स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन जब उसने नहीं सुनी तो क्यूआरटी ने बाथरूम के रास्ते से इमारत में प्रवेश किया। इस ऑपरेशन के दौरान आरोपी ने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में क्यूआरटी ने भी गोली चलाई, जिसमें रोहित घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। सभी बच्चों को तुरंत सुरक्षित बाहर निकाला गया और उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया।
इस घटना ने मुंबई को हिलाकर रख दिया, लेकिन पुलिस की त्वरित और संयमित कार्रवाई से एक बड़ी त्रासदी टल गई। प्राथमिक जांच में पता चला है कि रोहित आर्य मूल रूप से नागपुर का रहने वाला था और मुंबई के चेंबूर इलाके में रहता था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसकी मानसिक स्थिति कैसी थी और उसने यह कदम क्यों उठाया। मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुटे हैं।
Updated on:
30 Oct 2025 07:30 pm
Published on:
30 Oct 2025 07:00 pm
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