महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से चर्चा में रही 'माधुरी' उर्फ 'महादेवी' हथिनी को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को वनतारा (Vantara) टीम के साथ अहम बैठक की। सीएम फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिये जानकारी दी कि माधुरी हथिनी को फिर से कोल्हापुर के नांदनी मठ में वापस लाने के प्रयासों में वनतारा प्रबंधन भी साथ देगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि उन्होंने मुंबई में वनतारा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। इस चर्चा के दौरान अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि माधुरी को वापस मठ लाने से संबंधित महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाने वाली याचिका में वे भी सहभागी होंगे।
फडणवीस ने आगे कहा, वनतारा के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया था, और हथिनी को कब्जे में लेने की कोई मंशा नहीं थी। इतना ही नहीं, वनतारा ने नांदनी मठ के पास वन विभाग द्वारा चयनित स्थल पर महादेवी हथिनी के लिए पुनर्वसन केंद्र स्थापित करने की भी इच्छा जताई है।
सीएम फडणवीस ने कहा, "मैंने आज मुंबई में वनतारा टीम के साथ विस्तृत चर्चा की। अच्छी खबर यह है कि उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि वे 'माधुरी' हथिनी को मठ में वापस भेजने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाने वाली याचिका में सहभागी बनने को तैयार हैं। वनतारा ने बताया कि वे केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं और 'माधुरी' की अभिरक्षा लेने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। टीम ने यह भी इच्छा जताई कि वे कोल्हापुर के नांदनी में, महाराष्ट्र सरकार के वन विभाग द्वारा चुने गए स्थान पर, माधुरी के लिए एक पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सर्वोच्च सम्मान करते हैं।"
महाराष्ट्र सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही है, जिसमें माधुरी हथिनी को वापस नांदनी मठ लाने की अनुमति मांगी जाएगी। वनतारा की सहमति से अब इस दिशा में रास्ता आसान होता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महादेवी हथिनी को गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी परिवार के वन्यजीव संरक्षण केंद्र 'वनतारा' भेजा गया था। इसके बाद कोल्हापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कोल्हापुर में यह हथिनी वर्षों से धार्मिक आस्था का केंद्र रही है और उसके मठ से हटाए जाने को लेकर कई संगठनों और श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी है।
36 वर्षीय हथिनी ‘महादेवी’ तीन दशकों से अधिक समय तक नंदनी में श्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी जैन मठ में थी। उसे इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत के फैसले के बाद वनतारा के राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। महादेवी को कथित तौर पर 1992 में कर्नाटक से कोल्हापुर मठ में लाया गया था और तब वह लगभग तीन साल की थी। उसने कथित तौर पर 2017 में मुख्य पुजारी को बार-बार दीवार पर पटक कर मार डाला था। कहा जा रहा है कि महादेवी को पैरों में सड़न, पैर के नाखून बड़े होना, गठिया और लगातार सिर हिलाना जैसी समस्या थी। उसके बिगड़ते स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने उसे वनतारा भेजा।
बता दें कि वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास केंद्र 'वनतारा' की स्थापना दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने की है। वनतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा समर्थित है। गुजरात में जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के भीतर स्थित वनतारा 3000 एकड़ में फैला हुआ है।
Updated on:
06 Aug 2025 02:26 pm
Published on:
06 Aug 2025 02:22 pm