अंडरवर्ल्ड का काल कहे जाने वाले मुंबई पुलिस के जांबाज अफसर दया नायक आज (31 जुलाई) रिटायर हो गए। दया नायक 30 साल बाद पुलिस सेवा से विदा हुए। खास बात यह रही कि रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले उन्हें बड़ा प्रमोशन मिला और वे सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बन गए। 1995 बैच के पुलिसकर्मी दया नायक मुंबई पुलिस के उन चुनिंदा अफसरों में से हैं, जिनके नाम से मायानगरी मुंबई में अपराधी थर-थर कांपते थे। अंडरवर्ल्ड के गुर्गों में नायक का बहुत खौफ था। उन्होंने अपने तीन दशक लंबे करियर में 87 अपराधियों का एनकाउंटर किया और मुंबई शहर को माफिया मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आय से अधिक संपत्ति के मामले में नायक को लगभग साढ़े छह साल के लिए निलंबित भी किया गया, लेकिन बाद में उन्हें पुलिस बल में बहाल कर दिया गया।
पिछले साल ही दया नायक को मुंबई पुलिस बल में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया था और 29 जुलाई को ही उन्हें क्राइम ब्रांच का एसीपी बना दिया गया।
दो दिन पहले पदोन्नति की जानकारी देते हुए नायक ने ‘एक्स’ पर लिखा, "गर्व और कृतज्ञता के साथ बताना चाहता हूं कि मुझे सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रूप में पदोन्नति मिली है। काश सेवा करने के लिए इस पद पर मुझे और समय मिलता, लेकिन मैं पूरी संतुष्टि के साथ यह कह सकता हूं कि मैंने अपने राज्य और देश की सेवा पूरी निष्ठा और क्षमता से की है। यह एक सम्मानजनक पड़ाव है, और इस तक पहुंचने का सफर भी मेरे लिए गर्व का विषय है। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।"
दया नायक ने 1995 में मुंबई पुलिस फोर्स जॉइन की थी और एसीपी बनने से पहले वह क्राइम ब्रांच की बांद्रा यूनिट में तैनात थे, 1990 के दशक में उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने कई कुख्यात गैंगस्टरों को एनकाउंटर में ढेर किया। उन्होंने लगभग 87 गैंगस्टरों को गोली मारी है, जिनमें दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim), अरुण गवली (Arun Gawli), अमर नाइक (Amar Naik) और छोटा राजन (Chhota Rajan) गैंग से जुड़े अपराधी शामिल हैं। उन पर फिल्म भी बनाई गई है।
नायक के खिलाफ वर्ष 2006 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई। नायक को एसीबी ने गिरफ्तार भी किया था। नायक ने महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) में भी सेवा दी है और वे उस टीम का हिस्सा रहे जिसने 2021 में मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के पास विस्फोटक मिलने और इसके बाद ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी सुलझाई थी। इसके अलावा, वे अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग, अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले और वरिष्ठ एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले की जांच टीम का भी हिस्सा रहे थे।
Published on:
31 Jul 2025 07:12 pm