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Maharashtra: ‘आपको भी गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन…’, CM फडणवीस का राज ठाकरे पर पलटवार

Devendra Fadnavis on MNS Raj Thackeray : महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक 2024 पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बयान पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां केवल इसलिए आती हैं क्योंकि वें कानून को पढ़े बिना बोलते है।

मुंबई

Dinesh Dubey

Aug 03, 2025

Devendra Fadnavis Raj Thackeray Hindi row
राज ठाकरे और CM देवेंद्र फडणवीस (Photo: IANS)

अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा ने हाल ही में विशेष जन सुरक्षा विधेयक (Maharashtra Special Public Security Bill 2024) पारित किया। इस कानून पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सवाल उठाये।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को जवाब देते हुए कहा, कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए ही जनसुरक्षा कानून है। सरकार के खिलाफ बोलने की पूरी आजादी है। लेकिन अगर आप अर्बन नक्सलियों की तरह बर्ताव करेंगे, तो आपको भी गिरफ़्तार किया जाएगा।

सीएम फडणवीस ने कहा, “असल में यह कानून राज ठाकरे के लिए बनाया ही नहीं गया है। अगर आप अर्बन नक्सली जैसा व्यवहार करते हैं तो गिरफ्तारी हो सकती है, लेकिन जब आप ऐसा नहीं करते, तो आपको गिरफ्तार करने का सवाल ही नहीं उठता। जो लोग कानून का पालन नहीं रहते, उनके लिए ऐसे कानून बनाए जाते हैं। यह कानून आंदोलन करने वालों के खिलाफ नहीं है। सरकार के विरोध में बोलने की आज़ादी है। लेकिन लगता है कि राज ठाकरे ने कानून पढ़े बिना ही बयान दे दिया।”

ठाकरे के लिए नहीं बनाया कानून- CM फडणवीस

मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, "हमें किसे गिरफ्तार करना चाहिए? यह कानून उनके (राज ठाकरे) लिए नहीं बनाया गया है। अगर आप अर्बन नक्सलियों की तरह व्यवहार करेंगे, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अगर आप अर्बन नक्सलियों की तरह काम नहीं करते हैं, तो आपको गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं है। यह कानून उन लोगों के लिए है जो कानून के खिलाफ काम करते हैं। यह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानून नहीं है। सभी को सरकार के खिलाफ बोलने की पूरी आजादी है।“

हिंदी विरोध पर क्या कहा?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "महाराष्ट्र में मराठी अनिवार्य रूप से पढ़ाई जानी चाहिए और हमने इसे पहले ही अनिवार्य कर दिया है। लेकिन अगर महाराष्ट्र में मराठी छात्रों को मराठी के साथ-साथ एक और भारतीय भाषा सीखने का मौका मिलता है, तो इसमें गलत क्या है? मैं उस मानसिकता का विरोध करता हूं जो भारतीय भाषाओं को नकारती है और केवल अंग्रेजी भाषा के स्वागत में कालीन बिछाती है।"