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UP Politics: रामगोपाल यादव के बचाव में उतरे सपा नेता एसटी हसन, कहा- ‘जा**’ जातिसूचक शब्द नहीं है  

UP Samajwadi Party: सपा नेता रामगोपाल यादव के बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। सपा नेता एस टी हसन उनके बचाव में उतरे और उन्होंने कहा कि किसी जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल ही नहीं हुआ है। 

UP
Prof. Ram Gopal Yadav and Dr. ST Hassan

UP ST Hasan on Ram Gopal Yadav: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने गुरुवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और अजीत कुमार भारती के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। उनके बचाव में मुरादाबाद के सपा नेता एस टी हसन ने कहा कि ‘जा**’ जातिसूचक शब्द नहीं है।

एस टी हसन ने क्या कहा ? 

सपा नेता एसटी हसन ने कहा कि जातिसूचक शब्द का कोई प्रयोग नहीं हुआ और ‘जा**’ शब्द तो जातिसूचक शब्द भी नहीं है। असल में हमारे देश में पीडीए सबकुछ करता है। सारे काम PDA करता है और हमारी रुलिंग पार्टी बीजेपी अपना पीठ थपथपाती है उसका तो काम ही है दूसरे के कामो का श्रेय लेने का। आखिर पीडीए को कब तक नेग्लेक्ट किया जाए ? कब आप भूल कर रखेंगे ? देश की बहुत इम्पोर्टेन्ट आबादी है PDA की।

आखिर रामगोपाल यादव ने क्या कहा ? 

मंच पर मौजूद सपा सांसद आदित्य यादव ने जब उन्हें सही नाम बताया, तो रामगोपाल यादव ने अपनी टिप्पणी में व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी सहित अन्य सैन्य अधिकारियों की जाति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "युद्ध एक मुसलमान, एक जा** और एक यादव ने लड़ा। ये तीनों पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग से आते हैं। ऐसे में भाजपा इस अभियान का श्रेय कैसे ले सकती है।"

क्या जिस शब्द का इस्तेमाल हुआ वो जातीसूचक शब्द है ? 

अब सवाल ये उठ रहा है कि सपा सांसद रामगोपाल यादव ने जिस जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया क्या वो वास्तव में जातिसूचक शब्द है ? तो इसका जवाब है, हां, रामगोपाल यादव ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया वो एक जातिसूचक शब्द है और सपा नेता जिस शब्द को ये बता रहे है कि वो जातिसूचक शब्द नहीं है वो भी जातिसूचक शब्द है।  

एमपी के बीजेपी मंत्री ने दिया था बयान

इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री विजय शाह ने भी कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।

हाई कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी

मोहन यादव सरकार के मंत्री विजय शाह ने पिछले दिनों एक विवादित बयान दिया था। इस बयान का उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया और तल्ख टिप्पणी की। इसमें कहा गया है कि मंत्री का यह कहना कि कर्नल कुरैशी पहलगाम हमला करने वाले आतंकवादियों की बहन हैं, नफरती और अलगाववादी भावना को बढ़ावा देने वाली बात है। यह देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

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7 मई से 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ सेना की दो अधिकारी नियमित रूप से मीडिया ब्रीफिंग में उपस्थित हुईं। थल सेना का प्रतिनिधित्व कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना का विंग कमांडर व्योमिका सिंह कर रही थीं।