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बांके बिहारी मंदिर के तोषखाने से गायब हो गया सारा खजाना? संतों ने दी आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी; PM मोदी से…

Banke Bihari Temple Toshakhana: बांके बिहारी मंदिर के गायब खजाने को लेकर विवाद हो गया है। संतों ने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। जानिए, संतों ने PM मोदी से क्या मांग की है?

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allegations of theft of treasury of banke bihari temple vrindavan

बांके बिहारी मंदिर के तोषखाने से गायब हो गया सारा खजाना? फोटो सोर्स-Ai

Banke Bihari Temple Toshakhana: वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी जी मंदिर के वर्षों पुराने तोषखाने को हाल ही में खोला गया। जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ब्रज के संतों का गुस्सा तोषखाने से खजाना गायब देख भड़क गया है। उन्होंने PM नरेंद्र मोदी से मामले की CBI जांच की मांग की है।

54 साल बाद खोला गया था तोषखाना

बता दें कि 54 साल बाद 18 अक्टूबर को मंदिर समिति ने तहखाने को खोला था। ऐसा दावा किया जा रहा था कि तोषखाने में सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात से जड़े आभूषण और दान की गई संपत्ति के कागजात हैं, लेकिन अंदर केवल कुछ बर्तन, सोने की एक छड़, चांदी की तीन छड़ें, कुछ मोती और दो तांबे के सिक्के ही मिले। करोड़ों रुपए के कथित खजाने का कोई सबूत नहीं मिला।

मामले की CBI से निष्पक्ष जांच की मांग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी महाराज ने इस मामले को साजिश करार देते हुए PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि खजाने के तालों पर सरकारी सील ना होने का फायदा उठाकर कुछ मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की दान की गई संपत्ति को चुरा लिया। महाराज ने मांग की है कि पूरे मामले की CBI से निष्पक्ष जांच हो। साथ ही, दोषी अधिकारियों की व्यक्तिगत संपत्ति की भी तुरंत जांच हो। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों भक्तों की आस्था का सवाल है, इसलिए मामले में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

CM योगी आदित्यनाथ को भी लिखा जा चुका है पत्र

महाराज ने बताया कि उन्होंने 19 अक्टूबर को यूपी के CM योगी आदित्यनाथ को भी इसी मांग का पत्र लिखा था, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, वृंदावन के उड़िया बाबा मंदिर में संत समाज की बैठक हुई, जहां साध्वी इंदुलेखा, अनिल कृष्ण शास्त्री, राजेश पाठक और महामंडलेश्वर रामदास महाराज जैसे संतों ने एकजुट होकर मामले में CBI जांच की मांग दोहराई। साध्वी इंदुलेखा ने कहा कि राजा-महाराजाओं और भक्तों द्वारा दान किया गया यह खजाना सनातन धर्म की धरोहर है, इसे लूटने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

संतों ने दी आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी

संतों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मामले में CBI जांच शुरू नहीं हुई, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे। उनका कहना है कि मंदिर प्रबंधन की लापरवाही से लाखों-करोड़ों का चढ़ावा गायब हो गया। इतिहासकारों की माने तो 1971 में आखिरी बार खजाने को खोला गया था, तब कुछ सामान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मथुरा में जमा किया गया था।