Maharajganj viral video: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में बच्चे एक बंद पड़े प्राथमिक विद्यालय के बाहर रोते और गिड़गिड़ाते नजर आए। जब वीडियो की जांच की गई तो पता चला कि बच्चों के रोने का ये वीडियो फेक है।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि प्रिंसिपल ने बच्चों को रोने के लिए विवश किया था। जिससे स्कूल का मर्जर नहीं हो सके। मामले में कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। पूरा मामला परतावल ब्लॉक के रुद्रपुर भलुई गांव में स्थित स्कूल का बताया जा रहा है। सोची समझी साजिश के तहत छात्रों के रोने का वीडियो वायरल करने का आरोप प्रिंसिपल कुसुमलता पांडेय पर है। प्रिंसिपल कुसुमलता पांडेय को सस्पेंड करने के साथ खंड शिक्षा अधिकारी मुसाफिर सिंह पटेल को भी नोटिस जारी किया गया है।
वायरल वीडियो में प्राथमिक विद्यालय के बाहर मासूम बच्चों को रोते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में बच्चे बार-बार कहते हुए दिख रहे हैं, ''गेट खोल दीजिए, हमें यहीं पढ़ना है।''
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी संतोष शर्मा ने एक्शन लिया। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय से तत्काल जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। जांच में खुलासा हुआ कि वीडियो पूरी तरह से प्रायोजित है। स्कूल प्रिसिंपल पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों को बरगलाते हुए उनके रोने का वीडियो बनाकर वायरल कर प्रशासन की छवि को धूमिल किया है। जबकि स्कूल के समय पर नहीं खोले जाने की बात सामने आई है।
जिलाधिकारी संतोष शर्मा का मामले को लेकर कहना है प्राथमिक विद्यालय भलुई को मर्जर नीति के तहत शामिल नहीं किया गया है। पहले की तरह ही स्कूल में पढ़ाई हो रही है।
Published on:
23 Jul 2025 01:17 pm