
लखनऊ में पुलिस छावनी में तब्दील हुआ कांग्रेस मुख्यालय (फोटो सोर्स : Congress WhatsApp Group)
UP Congress Dalit Justice Protest: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। शनिवार को राजधानी लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय उस समय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या के बाद उसके परिवार से मिलने फतेहपुर रवाना होने वाले थे। लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया। मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल, कड़ी बैरिकेडिंग और जोरदार नारेबाजी के बीच अजय राय ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि चाहे पुलिस गिरफ्तार करे या गोली चलवाए, हम रुकने वाले नहीं हैं। हम दलितों के हक और न्याय के लिए जाएंगे।”
शनिवार सुबह से ही लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर असामान्य हलचल थी। अजय राय के फतेहपुर जाने की घोषणा के बाद पुलिस ने मुख्यालय के चारों ओर बैरिकेडिंग लगा दी और आसपास के सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर दिया। करीब दो सौ से अधिक पुलिसकर्मी, सीओ स्तर के अधिकारी, और पीएसी जवानों की मौजूदगी से पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। अजय राय जब मीडिया से बातचीत कर बाहर निकलने लगे, तभी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो उठे और नारे लगाने लगे -“योगी सरकार मुर्दाबाद”, “दलित विरोधी सरकार नहीं चलेगी”, “कांग्रेस जिंदाबाद”।
स्थिति तनावपूर्ण होती देख पुलिस ने कार्यकर्ताओं को मुख्यालय के अंदर ही रोकने का प्रयास किया। कई कार्यकर्ता पुलिस बैरिकेडिंग फांदकर बाहर निकलने की कोशिश करते दिखे।
रोकने से पहले मीडिया से मुखातिब अजय राय ने कहा कि प्रदेश में दलितों और कमजोर वर्गों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहा है और सरकार इसे रोकने के बजाय दबाने में लगी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार दलितों की आवाज को कुचलना चाहती है। संविधान पर हमला हो रहा है। हरिओम वाल्मीकि की हत्या मानवता पर कलंक है। हमने वादा किया था कि उसके परिवार से मिलेंगे, तो जाएंगे भी। चाहे सरकार गोली चलवाए या गिरफ्तार करे, हम नहीं रुकेंगे। अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित समाज की आवाज उठाने के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी। यह लड़ाई सिर्फ हरिओम के परिवार की नहीं, बल्कि प्रदेश के हर उस दलित की है जिसे न्याय से वंचित किया गया है।
मुख्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ती गई। कई नेताओं ने कहा कि पुलिस विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है। महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि “अगर अजय राय नहीं जाएंगे, तो हम जाएंगी। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कई बार धक्का-मुक्की की स्थिति बनी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप से हालात काबू में रहे। पुलिस अफसरों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है, ताकि किसी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो।
दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उसके परिजनों से फोन पर बात की थी। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा था कि दलित समाज पर इस तरह की निर्दयता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस पीड़ित परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद अजय राय ने फतेहपुर जाकर परिवार से मिलने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सांत्वना यात्रा नहीं, बल्कि दलित न्याय की लड़ाई की शुरुआत है।
रायबरेली जिले के डांडेपुर गांव में 20 वर्षीय दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार, गांव में चोरी की अफवाह फैलने के बाद कुछ लोगों ने हरिओम को पकड़ लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई की। गंभीर रूप से घायल युवक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। घटना के बाद दलित समाज में गहरा आक्रोश फैल गया। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। वहीं, कांग्रेस और सपा दोनों ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
रायबरेली पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें वैभव सिंह, विपिन मौर्या उर्फ अनुज मौर्या, विजय कुमार, सहदेव और सुरेश कुमार सहित अन्य आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपियों के पास से चमड़े की बेल्ट, यूकेलिप्टस का डंडा, बनियान और शर्ट बरामद हुई है। एसपी ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा और किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार अपराधियों की संरक्षक है। जो लोग खुलेआम दलितों की हत्या कर रहे हैं, वे आज भी सत्ता के संरक्षण में घूम रहे हैं। सरकार पीड़ित की आवाज सुनने के बजाय विपक्ष की आवाज दबा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में ‘दलित न्याय यात्रा’ निकालने की तैयारी कर रही है। यह यात्रा पूरे प्रदेश में निकाली जाएगी ताकि दलित समाज को न्याय दिलाया जा सके।
हरिओम वाल्मीकि प्रकरण ने विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे दिया है। सपा ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घटना सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी का प्रमाण है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे के जरिये दलित समाज में अपनी खोई हुई जमीन फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है। फतेहपुर और रायबरेली जैसे जिलों में कांग्रेस का पारंपरिक जनाधार रहा है, और यह मुद्दा उसके लिए राजनीतिक रूप से अहम साबित हो सकता है।
राजनीतिक माहौल में गरमी
लखनऊ से फतेहपुर तक फैले इस घटनाक्रम ने यूपी की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अजय राय का बयान “गोली चलेगी तब भी जाएंगे” अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस के भीतर नई ऊर्जा का संचार करेगा और विपक्षी एकता को भी मजबूती देगा।
Published on:
11 Oct 2025 04:06 pm
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