कानपुर - लखनऊ और नोएडा के बाद कानपुर को नया अर्बन इंजन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। कानपुर के आउटर रिंग रोड किनारे ग्रेटर कानपुर बसाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कानपुर ग्रेटर को महज शहर विस्तार की नहीं, बल्कि भविष्य के स्मार्ट और सस्टेनेबल शहरी मॉडल की नींव मानी जा रहा है। राज्य सरकार की मंशा है कि कानपुर न केवल इंडस्ट्रियल हब रहे, बल्कि प्लांड अर्बन डेवलपमेंट का आदर्श मॉडल भी बने।
कानपुर विकास प्राधिकरण की ओर से करीब 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में गूगल मैपिंग की जा रही है। मैपिंग के बाद नक्शा तैयार किया जाएगा। यह मैपिंग तय करेगी कि किस क्षेत्र में आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) के अनुसार अभी मैपिंग चल रही है इसके बाद ही तय किया जाएगा की योजना का क्षेत्रफल बढ़ाया जाए या नहीं।
ग्रेटर कानपुर में ईवी, मेडिसिटी, एमएसएमई पार्क के ज़रिए जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे वहीं ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लिए छोटे प्लॉट, एमआईजी और एचआईजी के लिए पॉश कॉलोनियां बनाई जाएंगी। साथ ही मल्टी स्टोरी ग्रुप हाउसिंग और हाउसिंग सोसाइटी के जरिए हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा। नए शहर में चौड़ी सड़कें, अर्बन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क,स्कूल, हॉस्पिटल, मॉल और पब्लिक स्पेस की भी व्यवस्था होगी ।
पिछले महीने सरसैया घाट पर सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों की बैठक में ग्रेटर कानपुर योजना को लेकर एकमत सहमति बनी। इसके बाद शासन से भी अनुमति मिली, जिससे परियोजना को औपचारिक रफ्तार मिल गई।
KDA की ओर से कार्ययोजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश कर अंतिम मंजूरी ली जाएगी।
ग्रेटर कानपुर के लिए भौंती बाईपास से पांच किलोमीटर और भीमसेन रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर दूर यह नया शहर बसेगा। जिन गांवों की जमीन चिह्नित की गई है, उनमें सेन पश्चिम पारा, पतेहुरी, गोपालपुर, कैथा, डांडे का पुरवा, दुर्जनपुर, इटारा शामिल है। यह क्षेत्र दक्षिण और पश्चिम कानपुर के बीच स्थित है।
नियोजित शहर, आर्थिक जोन और इंडस्ट्रियल पार्क के समन्वय से यह योजना आने वाले वर्षों में यूपी को एक नई पहचान, नए रोजगार और नया मेट्रो हब दे सकती है।
Updated on:
16 Jul 2025 01:46 pm
Published on:
16 Jul 2025 01:39 pm