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Basic Education Minister: राज्य सरकार किसी भी स्कूल को बंद नहीं कर रही: संदीप सिंह

UP Education: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी स्कूल को बंद नहीं कर रही है। विलय किए गए स्कूलों के यू-डायस कोड यथावत रहेंगे और नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष तय की गई है।

लखनऊ

Ritesh Singh

Aug 12, 2025

Basic Education Minister Sandeep Singh फोटो सोर्स : social media
Basic Education Minister Sandeep Singh फोटो सोर्स : social media

UP Govt Clarifies: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार को एक अहम मुद्दे पर चर्चा हुई, जब विपक्ष की ओर से राज्य में स्कूल बंद किए जाने को लेकर सवाल उठाया गया। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सदन में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी स्कूल को बंद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है, और इसी दिशा में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास हो रहे हैं।

मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हाल ही में कुछ स्कूलों का विलय (Merger) किया गया है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वे बंद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों का विलय हुआ है, उनके यू-डायस (UDISE) कोड यथावत रहेंगे। यू-डायस कोड प्रत्येक विद्यालय की पहचान के लिए जारी किया जाने वाला एक विशिष्ट नंबर है, जिसके माध्यम से विद्यालय की सभी शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों का डेटा दर्ज और ट्रैक किया जाता है।

नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव

बेसिक शिक्षा मंत्री ने अपने बयान में बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे कक्षा एक में दाखिला लेने से पहले मानसिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से तैयार हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले कई बच्चों का दाखिला पांच साल या उससे कम उम्र में हो जाता था, जिसके कारण वे शुरुआती पढ़ाई में पिछड़ जाते थे। इस बदलाव से बच्चों को शुरुआती स्तर पर पर्याप्त समय और उचित वातावरण में सीखने का अवसर मिलेगा।

प्ले ग्रुप की व्यवस्था

मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि जिन स्कूलों का विलय किया गया है, वहां बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से प्ले ग्रुप (Play Group) शुरू किए जा रहे हैं। इन प्ले ग्रुप में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी, ताकि वे कक्षा एक में प्रवेश से पहले लिखना, पढ़ना और बुनियादी गणित सीख सकें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्रों की तरह होगी, लेकिन इसे और अधिक उन्नत बनाया जाएगा। इसमें बच्चों के लिए रंग-बिरंगे कक्ष, खेल सामग्री, शिक्षण उपकरण और प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।

विलय का उद्देश्य

मंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर विलय इसलिए किया गया है ताकि संसाधनों का सही उपयोग हो सके। कई ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल थे जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन शिक्षकों और इमारत पर समान खर्च हो रहा था। उन्होंने बताया कि पास-पास स्थित दो या अधिक विद्यालयों को मिलाकर एक मजबूत विद्यालय बनाने से न केवल बेहतर संसाधन मिलेंगे, बल्कि शिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इससे बच्चों को विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं भी एक ही परिसर में उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर जोर

सत्र में मंत्री संदीप सिंह ने यह भी बताया कि राज्य सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने और उन्हें नवीनतम शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षित करने पर जोर दे रही है। इसके लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि "सरकार का उद्देश्य हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। चाहे वह शहर में हो या गांव में, हर जगह सुविधाएं समान हों।"

विपक्ष के आरोपों का खंडन

विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया था कि सरकार स्कूलों को बंद करके शिक्षा व्यवस्था कमजोर कर रही है। इस पर मंत्री ने दो टूक जवाब दिया।"राज्य सरकार किसी भी बच्चे का भविष्य अंधकारमय नहीं होने देगी। स्कूल बंद करने का सवाल ही नहीं उठता। बल्कि हम शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"

मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि आने वाले समय में राज्य में मॉडल प्राइमरी स्कूल (Model Primary Schools) स्थापित किए जाएंगे। इन स्कूलों में डिजिटल कक्षाएं, खेल मैदान, स्मार्ट लाइब्रेरी और आधुनिक सुविधाएं होंगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जहां भी विलय हुआ है, वहां बच्चों के लिए पढ़ाई की गुणवत्ता और सुविधाओं में गिरावट नहीं, बल्कि सुधार देखने को मिलेगा।