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UP DGP Orders: जन्माष्टमी पर डीजीपी का सख्त आदेश: चंदा वसूली और अशोभनीय नृत्य पर रोक

DGP Rajeev Krishna Janmashtami Celebration Orders: जन्माष्टमी पर सुरक्षा और सादगी सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्णा ने राज्य के सभी थानों को विशेष निर्देश दिए हैं। चंदा वसूली, वेतन से जबरन कटौती और अशोभनीय नृत्य पर सख्त रोक लगाई गई है। पर्व को हर्षोल्लास के साथ, लेकिन अनुशासन और मर्यादा में मनाने की अपील की गई है।

लखनऊ

Ritesh Singh

Aug 10, 2025

जन्माष्टमी पर सुरक्षा व सादगी का संदेश: डीजीपी राजीव कृष्णा ने दिए विशेष निर्देश     फोटो सोर्स :Patrika
जन्माष्टमी पर सुरक्षा व सादगी का संदेश: डीजीपी राजीव कृष्णा ने दिए विशेष निर्देश     फोटो सोर्स :Patrika

UP DGP Orders: कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। उत्तर प्रदेश में इसकी विशेष महत्ता है, क्योंकि यहां के मंदिर, विशेषकर मथुरा और वृंदावन, इस पर्व के केंद्र बिंदु होते हैं। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु मंदिरों और आयोजनों में सम्मिलित होते हैं। भीड़, शोभायात्राओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्णा ने राज्य के सभी थानों और पुलिस अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

निर्देशों की मुख्य बातें

  • चंदा वसूली पर रोक: डीजीपी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जन्माष्टमी के अवसर पर किसी भी प्रकार का चंदा या धनराशि वसूली नहीं की जाएगी। कई बार ऐसे पर्वों में कुछ संगठन या व्यक्ति सार्वजनिक या निजी संस्थानों से जबरदस्ती चंदा लेते हैं, जिससे विवाद और शिकायतें बढ़ जाती हैं। इस बार पुलिस प्रशासन ने इसे रोकने का सख्त आदेश दिया है।
  • पुलिसकर्मियों के वेतन से कटौती नहीं: डीजीपी राजीव कृष्णा ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी पुलिसकर्मी के वेतन से जबरन कोई कटौती नहीं की जाएगी। पहले कई मौकों पर त्योहारों या कार्यक्रमों के नाम पर कर्मचारियों से राशि काटे जाने की शिकायतें आई थीं। यह कदम पुलिस बल के मनोबल और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
  • मंच पर अशोभनीय नृत्य पर रोक: धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान मंचों पर अश्लील या असौभनीय नृत्य की घटनाएं अक्सर विवाद का कारण बनती हैं। डीजीपी ने सभी आयोजन समितियों को निर्देश दिया है कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए या सामाजिक माहौल को बिगाड़े।
  • सादगी और हर्षोल्लास से पर्व मनाने का आह्वान: पुलिस प्रमुख ने कहा है कि जन्माष्टमी को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए, लेकिन सादगी बनाए रखी जाए। इसका मतलब है कि सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए उत्सव का आनंद लिया जाए, ताकि सभी वर्ग के लोग बिना किसी असुविधा के त्योहार में भाग ले सकें।

सुरक्षा व्यवस्था की रूपरेखा

  • थानों को विशेष गश्त का निर्देश: त्योहार के दौरान बाजारों, मंदिरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की विशेष गश्त रहेगी।
  • सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी: संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन से भीड़ पर नजर रखी जाएगी।
  • ट्रैफिक प्रबंधन: जन्माष्टमी के दौरान शोभायात्राओं और श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने विशेष रूट प्लान तैयार किया है।
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया दल: किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पुलिस की क्विक रिस्पॉन्स टीम तैनात रहेगी।

सामाजिक प्रभाव

डीजीपी के इन निर्देशों से न केवल सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि धार्मिक आयोजनों में अनुशासन भी बढ़ेगा। चंदा वसूली और अशोभनीय कार्यक्रमों पर रोक से लोगों का भरोसा प्रशासन पर मजबूत होगा। साथ ही, पुलिसकर्मियों के हितों की रक्षा से बल का मनोबल ऊंचा रहेगा।

धार्मिक आयोजकों की प्रतिक्रिया

कई मंदिर समितियों और सांस्कृतिक संगठनों ने इन निर्देशों का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे आयोजन अधिक स्वच्छ, सुरक्षित और पारदर्शी होंगे। आयोजकों का कहना है कि बिना जबरन धन संग्रह के भी श्रद्धालु स्वेच्छा से सहयोग करते हैं, जिससे पर्व की पवित्रता बनी रहती है। जन्माष्टमी जैसे बड़े धार्मिक पर्व में प्रशासन की सक्रिय भूमिका अत्यंत आवश्यक है। डीजीपी राजीव कृष्णा के इन निर्देशों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आस्था के साथ-साथ अनुशासन और सुरक्षा भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। यह कदम उत्तर प्रदेश में एक बेहतर और सुरक्षित त्योहार माहौल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।