Rain Alert Update: उत्तर प्रदेश एक बार फिर मानसूनी तबाही की चपेट में है। राज्य के अधिकतर हिस्सों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम, और घरों में घुसता पानी अब आम नज़ारा बन चुका है। हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने 44 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। कई जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताते हुए जिन 44 जिलों में अलर्ट जारी किया है, उनमें प्रमुख रूप से लखनऊ, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली, संतकबीरनगर, बस्ती, महाराजगंज, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, अमेठी, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, इटावा, औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, बिजनौर, रामपुर, जालौन, मुरादाबाद व अन्य जिले शामिल हैं। इन जिलों में भूस्खलन, जलभराव, बिजली गिरने और कमजोर मकानों के गिरने जैसी घटनाओं की आशंका जताई गई है। प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राहत-बचाव दलों को सक्रिय कर दिया गया है।
तेज बारिश और जलभराव के कारण लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, बाराबंकी सहित कई जिलों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जो बच्चे स्कूल पहुँच चुके थे, उन्हें तुरंत वापस घर भेजने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारियों द्वारा यह निर्णय सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों से लिया गया। लखनऊ के डीएम विशाख अय्यर ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए तत्काल प्रभाव से सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।”
पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों जैसे गोंडा, बहराइच, सीतापुर और बाराबंकी में हालात सबसे अधिक खराब बताए जा रहे हैं। बहराइच में निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गोंडा में कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। बाराबंकी में जल निकासी की व्यवस्थाएं फेल हो चुकी हैं। सीतापुर में किसानों की धान और गन्ने की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने आपात स्थिति को देखते हुए विशेष तैयारी की है। नगर निकायों को जल निकासी सुनिश्चित करने और ट्रैफिक कंट्रोल करने के आदेश दिए गए हैं। SDRF और NDRF की टीमें भी संवेदनशील जिलों में तैनात कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे सक्रिय रखने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
लखनऊ, कानपुर, मेरठ, और मुरादाबाद जैसे बड़े शहरों की सड़कें बारिश के पानी में डूब गई हैं। जगह-जगह गड्ढों और जलजमाव के कारण यातायात की रफ्तार रुक गई है। लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे। कई जगहों पर बस सेवाएं भी रोक दी गई हैं। राजधानी लखनऊ के चारबाग, हजरतगंज, अलीगंज, इंदिरा नगर, गोमती नगर जैसे इलाकों में सड़कों पर 1 से 2 फीट तक पानी भर गया है। लोग पैदल या साइकिल पर ही निकलने को मजबूर हैं।
बारिश के कारण बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जलभराव के चलते ट्रांसफार्मर और बिजली पोलों में फॉल्ट आ गया है, जिससे कई क्षेत्रों में घंटों तक बिजली नहीं रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति और भी खराब है, जहां 12 से 18 घंटे तक बिजली नहीं लौट पाई है।
स्कूल बंद होने और छुट्टी के माहौल में जहां बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं है, वहीं दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों के लिए यह बारिश आफत बन गई है। काम ठप होने से दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है।राजेश कुमार, जो कि एक ऑटो चालक हैं, कहते हैं, “बारिश में सवारी ही नहीं मिल रही, पेट कैसे भरें?”
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा मौसम तंत्र 5 अगस्त तक सक्रिय रहेगा। अगले 24 से 36 घंटे बेहद संवेदनशील हैं। इस दौरान कुछ जिलों में 100 मिमी से अधिक वर्षा हो सकती है। लोगों को advised किया गया है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें।
प्रशासन ने राहत कैंप, मेडिकल टीमें और आवश्यक राशन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। नगर निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि जल निकासी के लिए अतिरिक्त पंप लगाए जाएं। साथ ही, जिन इलाकों में मकान कमजोर हैं, वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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Published on:
04 Aug 2025 02:40 pm