सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई है। मामला सेना पर टिप्पणी करने का है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप यह बातें सोशल मीडिया पर क्यों करते हैं। क्या यह बातें संसद में नहीं की जा सकती? कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप यह कैसे कह सकते हैं कि हमारी जमीन चीन ने कब्जाई? क्या आपके पास इसकी कोई ठोस जानकारी है। एक सच्चा भारतीय इस तरह का बयान नहीं दे सकता। कोर्ट ने आगे कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं की आप कुछ भी बोलें।
राहुल गांधी की याचिका पर न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में लखनऊ की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता (उदय शंकर श्रीवास्तव) और यूपी सरकार को नोटिस भेजा है।
इस दौरान राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता मुद्दे नहीं उठा सकते, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। अभिषेक सिंघवी ने कहा, 'अगर वह प्रेस में छपी ये बातें नहीं कह सकते, तो वह विपक्ष के नेता नहीं हो सकते।' पीठ की सच्चे भारतीय टिप्पणी पर अभिषेक सिंघवी ने जवाब दिया, 'यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय कहे कि हमारे 20 भारतीय सैनिकों को पीटा गया और मार डाला गया। यह भी चिंता का विषय है।'
16 दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने विवादित बयान दिया था। कहा था- लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछेंगे, लेकिन चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय जमीन कब्जा की है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और हमारे सैनिकों को अरुणाचल में पीटा जा रहा है।
राहुल के बयान पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में मानहानि केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि राहुल के सेना पर दिए बयान से न सिर्फ सेना बल्कि उनके परिवार के लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं।
इसी साल 29 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांधी की याचिका खारिज कर दी थी और समन भेजा था। गांधी ने समन और शिकायत को चुनौती दी थी। कहा यह दुर्भावनापूर्ण तरीके से और बदनीयती के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।
Published on:
04 Aug 2025 03:00 pm