
Lucknow Electricity (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Power Cut Alert Lucknow: लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन (लेसा) ने चेतावनी जारी की है कि जिन उपभोक्ताओं ने सितंबर माह का बिजली बिल अक्टूबर माह में भी जमा नहीं किया है, उनकी बिजली किसी भी समय काटी जा सकती है। इस संबंध में चारों जोन के मुख्य अभियंताओं की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया। लेसा प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब बकाया उपभोक्ताओं पर सख्ती बरती जाएगी और भुगतान न करने वालों के खिलाफ बिजली कनेक्शन काटने की मुहिम तत्काल शुरू होगी।
दरअसल, अक्टूबर माह में त्योहारों का मौसम चलने के कारण बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने बिजली बिल जमा नहीं किया। सामान्यतः हर माह समय पर बिल भरने वाले उपभोक्ताओं में भी इस बार गिरावट देखी गई है। लेसा अधिकारियों के अनुसार, इस स्थिति से विभाग की राजस्व वसूली पर सीधा असर पड़ा है। मुख्य अभियंताओं ने समीक्षा बैठक में कहा कि त्योहारों की व्यस्तता अब समाप्त हो चुकी है, इसलिए अब राजस्व वसूली पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जिन उपभोक्ताओं ने बिल का भुगतान नहीं किया है, उनके घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की बिजली किसी भी समय काटी जा सकती है।
लेसा के चारों जोनों गोमती नगर, लखनऊ सेंट्रल, अमौसी और जानकीपुरम में बकायेदारों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मुख्य अभियंताओं ने अधिशासी अभियंताओं (EE), उपखंड अधिकारियों (SDO) और अवर अभियंताओं (JE) को निर्देश दिए हैं कि सभी बकायेदार उपभोक्ताओं की सूची तत्काल तैयार कर मुख्यालय को भेजी जाए। सूची तैयार होते ही इन उपभोक्ताओं के खिलाफ बिजली काटने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को पहले ही समय पर बिल भुगतान की कई बार सूचना दी जा चुकी है। अब किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शनिवार को हुई समीक्षा बैठकों में न केवल राजस्व वसूली की प्रगति की समीक्षा की गई, बल्कि वर्टिकल व्यवस्था (Vertical System) को भी लेकर विस्तृत चर्चा हुई। यह बैठक चारों जोनल कार्यालयों में मुख्य अभियंताओं की अध्यक्षता में आयोजित की गईं। गोमती नगर जोन में मुख्य अभियंता सुशील गर्ग, लखनऊ सेंट्रल में रवि अग्रवाल, अमौसी जोन में महफूज आलम, और जानकीपुरम जोन में वी.पी. सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। इन बैठकों में अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता और तकनीकी कर्मी शामिल हुए।
मुख्य अभियंताओं ने बताया कि वर्टिकल सिस्टम के तहत सभी स्तरों पर जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से विभाजित किया गया है। इस व्यवस्था का उद्देश्य राजस्व वसूली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। समीक्षा के दौरान प्रत्येक जोन के अधिशासी अभियंताओं से वसूली प्रतिशत, बकायेदारों की संख्या, और कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई।
बैठकों के दौरान इंजीनियरों और तकनीकी कर्मियों को नई तकनीकी व्यवस्था के तहत स्मार्ट मीटर एप्लीकेशन पर काम करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। स्मार्ट मीटर कंपनी के विशेषज्ञों ने现场 प्रशिक्षण सत्र में एप डाउनलोड करने, कनेक्शन की स्थिति देखने, मीटर रीडिंग अपडेट करने और डेटा ट्रांसमिशन की प्रक्रिया सिखाई। मुख्य अभियंताओं ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत कई तकनीकी कार्य अब सीधे मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से किए जा सकते हैं। ऐसे में फील्ड स्टाफ को इस तकनीक की पूरी समझ होना आवश्यक है।
लेसा अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटरिंग व्यवस्था उपभोक्ताओं और विभाग दोनों के लिए लाभकारी है। इसके माध्यम से उपभोक्ता अपनी खपत को रियल-टाइम में देख सकते हैं और विभाग को भी बिलिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में तकनीकी कर्मियों को नई तकनीक से जुड़ी प्रक्रियाओं को समझने में कठिनाई आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए चारों जोनों में लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्य अभियंताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग से वसूली प्रक्रिया भी तेज होगी, क्योंकि उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक उपभोग के अनुसार सटीक बिल प्राप्त होंगे।
समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंताओं ने कहा कि सभी अधिशासी अभियंता और उपखंड अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि राजस्व वसूली में कोई भी क्षेत्र पीछे न रहे। जिन इलाकों में बकाया राशि ज्यादा है, वहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही उपभोक्ताओं को एसएमएस, नोटिस और व्यक्तिगत विजिट के माध्यम से बिल भुगतान के लिए प्रेरित किया जाएगा। यदि फिर भी उपभोक्ता भुगतान नहीं करते, तो नियमों के तहत कनेक्शन काटने की कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि त्योहारी सीजन में बिल जमा न करने वालों को अब किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक जोन में विशेष वसूली टीमों का गठन किया गया है जो फील्ड में जाकर बकायेदारों की पहचान करेंगी और बिजली कटौती की कार्रवाई करेंगी। इन टीमों में तकनीकी कर्मियों के साथ राजस्व निरीक्षक और फील्ड असिस्टेंट शामिल होंगे। प्रत्येक टीम को प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मुख्य अभियंता सीधे वसूली की स्थिति पर नजर रख सकें।
Published on:
02 Nov 2025 07:53 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग

