Circle Rate 2025: जनपद लखनऊ में 10 वर्षों बाद जमीन और संपत्ति की सरकारी दरों-अर्थात सर्किल रेट में बड़ा और बहुप्रतीक्षित संशोधन किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 अगस्त 2025 से लखनऊ में नई सर्किल दरें प्रभावी रूप से लागू हो गई हैं। इस पहल के केंद्र में हैं जिलाधिकारी विशाख जी, जिनके नेतृत्व में जनसुनवाई और सार्वजनिक आपत्तियों की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद दरों को अंतिम रूप दिया गया है।
लखनऊ में पिछली बार सर्किल दरों में संशोधन वर्ष 2015 में किया गया था। उसके बाद यह पहला अवसर है जब प्रशासन ने इतनी व्यापक दर संशोधन प्रक्रिया को अंजाम दिया है। जनपद के विभिन्न इलाकों की भौगोलिक, आर्थिक और विकासात्मक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए दरें संशोधित की गई हैं। यह निर्णय न केवल राजस्व वृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि संपत्ति बाजार की पारदर्शिता और संतुलन बनाए रखने का भी प्रयास है।
जिलाधिकारी विशाख जी ने स्पष्ट किया कि नई दरें किसी एकतरफा निर्णय का परिणाम नहीं हैं, बल्कि यह प्रक्रिया जनसुनवाई, आपत्तियों और सुझावों पर आधारित रही। उन्होंने कहा, "हमने सभी नागरिकों, रजिस्ट्री कार्यालयों, बिल्डर्स और रियल एस्टेट विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित किए थे। प्राप्त आपत्तियों और सुझावों का विधिवत विश्लेषण कर प्रस्तावित दरों को अंतिम रूप दिया गया।"
प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नई सर्किल दरों में 15% से लेकर 50% तक की वृद्धि की गई है। यह वृद्धि क्षेत्र-विशेष की मांग, शहरी विस्तार, बुनियादी ढांचे और बाज़ार मूल्यों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
लखनऊ के हाई-डिमांड क्षेत्रों में सर्किल रेट्स ने पुराने सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है। इनमें गोमतीनगर, इंदिरानगर, विभूतिखंड जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं:
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि लखनऊ का रियल एस्टेट परिदृश्य अब एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है, जहां सरकारी मूल्यांकन दरें बाज़ार दरों के अधिक समीप आ गई हैं।
हालाँकि बिल्डरों और डेवलपर्स ने सर्किल दरों में संशोधन का स्वागत किया है, परंतु उन्होंने यह भी कहा कि इतनी तीव्र दर वृद्धि से अल्पकालिक रूप से बिक्री पर असर पड़ सकता है। लखनऊ बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव खन्ना ने कहा, “यह आवश्यक था कि सर्किल रेट्स को बाजार भाव के अनुरूप लाया जाए। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि इससे मध्यमवर्गीय खरीददारों पर कितना आर्थिक बोझ पड़ता है।”
संपत्ति विशेषज्ञों के अनुसार, सर्किल रेट्स की यह बढ़ोतरी निवेश के दृष्टिकोण से सकारात्मक मानी जा रही है। यह संकेत देता है कि लखनऊ में रियल एस्टेट बाजार अब परिपक्व हो रहा है और इससे क्षेत्र में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन अब हर तीन से पाँच वर्षों के भीतर सर्किल रेट्स की समीक्षा की योजना पर काम कर रहा है, ताकि दरों को समय के साथ सामंजस्यपूर्ण बनाया जा सके।
Published on:
01 Aug 2025 08:04 am