
40 बीघे में अवैध प्लाटिंग ध्वस्त (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
LDA Big Action Illegal Plotting : राजधानी में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) का अभियान लगातार जारी है। शहर के बाहरी इलाकों में तेजी से फैल रही अनियमित और बिना अनुमति की कॉलोनियों पर प्राधिकरण ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में गुरुवार को LDA की प्रवर्तन टीम ने मोहनलालगंज और गोसाईगंज क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 40 बीघा भूमि पर की जा रही 6 अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण को पिछले कई दिनों से शिकायतें मिल रही थी कि मोहनलालगंज और गोसाईगंज के ग्रामीण इलाकों में किसानों की भूमि को अवैध रूप से काटकर प्लॉटिंग की जा रही है। कुछ लोगों ने बिना किसी मानचित्र स्वीकृति या विकास अनुमति के जमीन के टुकड़े कर बिक्री शुरू कर दी थी। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि लगभग 40 बीघे क्षेत्र में छह अलग-अलग स्थानों पर अवैध कॉलोनियों का विकास किया जा रहा था - जिसमें सड़कें बनाई जा रही थीं और बिजली-पानी के लिए तार और पाइपलाइन भी डाले जा रहे थे।
मुख्य अभियंता (प्रवर्तन) की निगरानी में गठित टीम गुरुवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। मोहनलालगंज के बेनीगंज, चंद्रौली और गोसाईगंज के बक्खी खेड़ा इलाके में कार्रवाई की गई। अवैध प्लाटिंग करने वालों द्वारा बनाई गई कच्ची सड़कों, सीमांकन की दीवारों और अस्थायी निर्माणों को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त किया गया। कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी के कारण कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ। प्रवर्तन टीम ने सभी प्लॉटिंग स्थलों पर चेतावनी बोर्ड भी लगवाए, जिन पर लिखा गया कि “यह भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमानुसार अनुमोदित नहीं है, यहां कोई निर्माण या खरीद-बिक्री दंडनीय अपराध है।”
प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में कार्रवाई की गई वहां किसी प्रकार की नक्शा स्वीकृति, विकास अनुमति या परिवर्तन प्रयोजन की स्वीकृति नहीं ली गई थी। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश नगरीय योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 27 और 28 के तहत की गई है, जिसमें बिना अनुमति विकास कार्य करना अपराध की श्रेणी में आता है। LDA अधिकारियों ने बताया कि कई लोगों को पहले ही नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने अवैध रूप से प्लॉट काटने और बेचने का कार्य जारी रखा।
LDA को कुछ दिनों से क्षेत्रीय निवासियों और खरीदारों की ओर से शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ प्रॉपर्टी डीलर गांवों की भूमि को “आवासीय प्लॉट” बताकर बेच रहे हैं। इनमें से कई खरीदारों ने न तो प्राधिकरण की स्वीकृति देखी थी और न ही किसी प्रकार की रजिस्ट्री जांच कराई थी। शिकायतों के आधार पर प्रवर्तन विभाग ने गुप्त जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि कई लोग “फर्जी प्रोजेक्ट” के नाम पर ग्रामीण भूमि का व्यवसायिक दोहन कर रहे हैं। जांच के बाद LDA ने तत्काल टीम गठित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की।
प्राधिकरण के प्रवर्तन अधिकारी के अनुसार, कुल छह स्थानों पर अवैध प्लाटिंग की पुष्टि हुई-
इन सभी स्थलों पर सीमांकन की दीवारें और सड़कें तोड़ दी गईं।
LDA के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा कि राजधानी में किसी भी प्रकार की अवैध प्लॉटिंग या निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिना अनुमति जमीन काटने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया भी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि शहर के विभिन्न हिस्सों में चल रही अवैध कॉलोनियों की पहचान के लिए स्पेशल सर्वे टीम गठित की गई है, जो ड्रोन सर्वे और सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से रिपोर्ट तैयार कर रही है।
एलडीए ने आम नागरिकों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति किसी जमीन को खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह LDA या विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित है या नहीं। अगर कोई व्यक्ति बिना स्वीकृति वाली भूमि पर घर बनाता है, तो भविष्य में उसे नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसे भू-खरीदारों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी, भले ही वे निर्दोष हों - प्रवर्तन अधिकारी ने कहा।
लखनऊ के आसपास के कई इलाकों जैसे कि मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट, बंथरा और काकोरी में बीते कुछ वर्षों में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इसका फायदा उठाकर कई भूमाफिया और प्रॉपर्टी डीलर ग्रामीण जमीनों को काटकर “सस्ती प्लॉटिंग” के नाम पर बेच रहे हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर के पास किसी प्रकार की विकास अनुमति नहीं होती।
Published on:
30 Oct 2025 09:25 pm
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