Weather Update UP: उत्तर प्रदेश के तराई और पूर्वांचल के जिलों में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। बीते 48 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश ने कई शहरों को जलमग्न कर दिया है और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। भारी वर्षा के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है, वहीं खेत-खलिहान पानी से भर गए हैं। कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के 19 जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और 25 जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसके अलावा प्रदेश के 44 जिलों में वज्रपात (आकाशीय बिजली) की आशंका जताई गई है। लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह मानसूनी गतिविधि आगामी 24 घंटों तक जारी रहेगी, इसके बाद बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे गिरावट आने की संभावना है।
सोमवार को रिकॉर्ड की गई भारी बारिश में रायबरेली ने सबसे ऊपर स्थान हासिल किया जहाँ 202 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बदायूं में 190 मिमी, अयोध्या में 151 मिमी, बाराबंकी में 140 मिमी, और संभल में 122 मिमी वर्षा हुई।
इन जिलों में जलभराव के कारण सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, कई मोहल्लों और बस्तियों में घरों में पानी भर गया है, और बिजली की आपूर्ति भी ठप रही।
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित 19 जिलों के लिए मंगलवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया है, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा की प्रबल संभावना है और प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए:
इन जिलों में पहले से ही निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है और नदियों के आसपास बसे गांवों को संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर सतर्क किया गया है।
इन जिलों में बारिश की तीव्रता ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन सामान्य से अधिक वर्षा और अस्थायी जलभराव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:
इन क्षेत्रों में नागरिकों को खुले स्थानों, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने चेताया है कि 44 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की प्रबल संभावना है। ये घटनाएं अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले किसान, पशु पालक और मजदूरों को खासतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, "पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्र में मानसूनी गतिविधि अत्यंत सक्रिय है। 6 अगस्त की शाम से बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है, लेकिन तब तक व्यापक एहतियात जरूरी है।"
राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखने और आवश्यक संसाधनों को तत्पर रखने के आदेश दिए हैं। सभी जिलों में एसडीएम और तहसीलदार को निचले इलाकों का निरीक्षण करने तथा राहत शिविरों की तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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Updated on:
05 Aug 2025 08:13 am
Published on:
05 Aug 2025 08:02 am