4 अगस्त 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Ayodhya Film Festival 2025: काकोरी शताब्दी वर्ष पर लखनऊ में होगा अंतरराष्ट्रीय अयोध्या फिल्म फेस्टिवल, जुटेंगे 32 देशों के फिल्मकार

Ayodhya Film Festival काकोरी एक्शन के शताब्दी वर्ष पर 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल इस बार लखनऊ में आयोजित हो रहा है। 6 से 8 अगस्त तक होने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से फिल्मकार, इतिहासकार और शोधार्थी शामिल होंगे। यह महज फिल्म फेस्ट नहीं, बल्कि इतिहास से संवाद का सांस्कृतिक मंच बनेगा।

लखनऊ

Ritesh Singh

Aug 02, 2025

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2025 फोटो सोर्स : Patrika
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2025 फोटो सोर्स : Patrika

Ayodhya Film Festival in lucknow : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर कहे जाने वाले काकोरी ट्रेन एक्शन की स्मृति में इस वर्ष 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल राजधानी लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक अवसर तब और खास बन गया है जब फेस्टिवल पहली बार अयोध्या की सीमाओं से बाहर निकलकर लखनऊ जैसे ऐतिहासिक और राजनीतिक केंद्र में प्रवेश कर रहा है।

यह आयोजन 6, 7 और 8 अगस्त 2025 को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ के सभागार में होगा, जिसमें भारत सहित 32 से अधिक देशों से फिल्मकार, लेखक, इतिहासकार और शोधार्थी शामिल होंगे। यह तीन दिवसीय आयोजन इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक चेतना और वैश्विक विषयों पर केंद्रित फिल्मों, सेमिनारों और प्रदर्शनियों के माध्यम से दर्शकों से संवाद करेगा।

काकोरी एक्शन की स्मृति में ऐतिहासिक आयोजन

1925 में क्रांतिकारियों द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ किया गया काकोरी ट्रेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक साहसिक अध्याय रहा है। इस कार्रवाई में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद और अन्य क्रांतिकारियों की भूमिका अमिट है। इस वर्ष काकोरी एक्शन को 100 साल पूरे हो रहे हैं, जिसे शताब्दी वर्ष के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में अयोध्या फिल्म फेस्टिवल-2025 को लखनऊ में स्थानांतरित कर देना, इस आंदोलन को राजधानी से जोड़ने का प्रयास है, क्योंकि काकोरी केस की सुनवाई और ऐतिहासिक मुकदमा भी लखनऊ में ही चला था।

19 वर्षों की रचनात्मक परंपरा -एक जनपक्षधर फिल्म समारोह

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल वर्ष 2006 से बिना किसी कॉर्पोरेट प्रायोजन के आयोजित होता आ रहा है। इस बार का फेस्टिवल कई दृष्टियों से ऐतिहासिक बन गया है –

  • पहली बार आयोजन अयोध्या से बाहर
  • काकोरी केस की शताब्दी पर समर्पित
  • 32 देशों की भागीदारी
  • 290 से अधिक फिल्मों में से चुनी गई श्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ

रचनात्मकता और जन चेतना के बीच सेतु का निर्माण

इस फिल्म महोत्सव का नेतृत्व डॉ. शाह आलम राणा कर रहे हैं, जो सामाजिक और वैकल्पिक सिनेमा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। फेस्टिवल चेयरमैन प्रो. मोहन दास ने घोषणा की कि इस बार भी सभी कार्यक्रम आम जन के लिए निःशुल्क होंगे।

फेस्टिवल की थीम और उद्देश्य

इस बार महोत्सव की थीम “स्वतंत्रता संग्राम की विरासत और सिनेमा की शक्ति” है। इसका उद्देश्य न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को याद करना है, बल्कि सिनेमा के माध्यम से इतिहास, संस्कृति और सामाजिक चेतना के नए अध्याय खोलना भी है।

फेस्टिवल के तीनों दिन विभिन्न आयोजन होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • ऐतिहासिक फिल्मों का प्रदर्शन
  • काकोरी केस से जुड़ी दुर्लभ सामग्री की प्रदर्शनी
  • सेमिनार और संवाद – इतिहासकारों, शिक्षाविदों और फिल्मकारों के साथ
  • चित्रकला और क्विज प्रतियोगिता – युवाओं के लिए
  • फिल्म कार्यशालाएं और मास्टर क्लास
  • कहानियों की प्रस्तुति (किस्सागोई)
  • पुस्तक विमोचन और परिचर्चा

राखी और महिलाओं की भूमिका पर विशेष फोकस

इस बार दो अनोखे कार्यक्रम भी शामिल किए गए हैं

  • रक्षाबंधन और क्रांतिकारी भावना का संगम: अमर सेनानियों को राखी बांधकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। एक सांकेतिक भाव जो समर्पण, प्रेम और संघर्ष की भावना को एकत्र करता है।
  • महिला स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को चित्रों, फिल्मों और प्रस्तुतियों के माध्यम से उकेरा जाएगा।

वैश्विक भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी

फेस्टिवल में 32 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे ,जिनमें जापान, अमेरिका, ब्राज़ील, फ्रांस, रूस, नेपाल, तुर्की, इटली और यूके प्रमुख हैं। इन देशों से आने वाली फिल्मों में सामाजिक सरोकार, ऐतिहासिक घटनाएं, जलवायु संकट, मानवाधिकार, युद्ध और पलायन जैसे मुद्दे दर्शाए जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी में शामिल हैं

  • आंद्रेआ फॉर्टिस (इटली) – संपादक और निर्देशक
  • रघुनाथ मानेट (फ्रांस) – फिल्मकार और संगीतकार
  • अनुषा श्रीनिवासन अय्यर (भारत) – पर्यावरण कार्यकर्ता
  • धीरज कश्यप (असम) – फिल्म निर्देशक
  • डॉ. दीप्ति शर्मा (भारत) – टीवी पत्रकार
  • संजीव विरमानी (भारत) – अभिनेता और निर्देशक

इनके माध्यम से फिल्मों का निष्पक्ष मूल्यांकन होगा और पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।

पोस्टर विमोचन और आयोजन समिति की भूमिका

हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में फेस्टिवल का पोस्टर विमोचन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने की।

  • प्रो. वी.एम. रवि कुमार ने विषय का परिचय प्रस्तुत किया
  • डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने कार्यक्रम का संचालन किया
  • प्रो. एस. विक्टर बाबू ने काकोरी एक्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला

आयोजन समिति में शामिल प्रमुख सदस्य: डॉ. शाह आलम राणा, प्रो. शाह अयाज़ सिद्दीकी, जी.पी. सिन्हा, किरण बाला चौधरी, अरविंद सिंह, प्रतीक्षित सिंह। महुआ डाबर संग्रहालय (बस्ती) और बीबीएयू के इतिहास विभाग की इस आयोजन में प्रमुख भूमिका रही है।

युवाओं के लिए एक खुला मंच

  • इस फिल्म फेस्टिवल का एक प्रमुख उद्देश्य युवाओं को मंच देना है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों, युवा फिल्मकारों और कलाकारों को अपनी रचनात्मकता प्रस्तुत करने और सीखने के लिए अनेक अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • फिल्मों, कार्यशालाओं और संवादों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित होगा और युवा वर्ग इतिहास को आधुनिक संदर्भों में समझने में सक्षम होगा।

संस्कृति और इतिहास का जीवंत मंच

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2025 न केवल फिल्मों का मंच है, बल्कि यह इतिहास और वर्तमान के बीच एक जीवंत पुल है। आज़ादी के अमृतकाल में आयोजित यह कार्यक्रम अतीत से सीखने और भविष्य को गढ़ने की प्रेरणा देगा। यह सिर्फ एक फिल्म समारोह नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक आंदोलन है, जो सिनेमा के माध्यम से भारतीय आत्मा को अभिव्यक्त करने का माध्यम बन चुका है।