Ayodhya Film Festival in lucknow : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर कहे जाने वाले काकोरी ट्रेन एक्शन की स्मृति में इस वर्ष 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल राजधानी लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक अवसर तब और खास बन गया है जब फेस्टिवल पहली बार अयोध्या की सीमाओं से बाहर निकलकर लखनऊ जैसे ऐतिहासिक और राजनीतिक केंद्र में प्रवेश कर रहा है।
यह आयोजन 6, 7 और 8 अगस्त 2025 को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ के सभागार में होगा, जिसमें भारत सहित 32 से अधिक देशों से फिल्मकार, लेखक, इतिहासकार और शोधार्थी शामिल होंगे। यह तीन दिवसीय आयोजन इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक चेतना और वैश्विक विषयों पर केंद्रित फिल्मों, सेमिनारों और प्रदर्शनियों के माध्यम से दर्शकों से संवाद करेगा।
1925 में क्रांतिकारियों द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ किया गया काकोरी ट्रेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक साहसिक अध्याय रहा है। इस कार्रवाई में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद और अन्य क्रांतिकारियों की भूमिका अमिट है। इस वर्ष काकोरी एक्शन को 100 साल पूरे हो रहे हैं, जिसे शताब्दी वर्ष के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में अयोध्या फिल्म फेस्टिवल-2025 को लखनऊ में स्थानांतरित कर देना, इस आंदोलन को राजधानी से जोड़ने का प्रयास है, क्योंकि काकोरी केस की सुनवाई और ऐतिहासिक मुकदमा भी लखनऊ में ही चला था।
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल वर्ष 2006 से बिना किसी कॉर्पोरेट प्रायोजन के आयोजित होता आ रहा है। इस बार का फेस्टिवल कई दृष्टियों से ऐतिहासिक बन गया है –
इस फिल्म महोत्सव का नेतृत्व डॉ. शाह आलम राणा कर रहे हैं, जो सामाजिक और वैकल्पिक सिनेमा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। फेस्टिवल चेयरमैन प्रो. मोहन दास ने घोषणा की कि इस बार भी सभी कार्यक्रम आम जन के लिए निःशुल्क होंगे।
इस बार महोत्सव की थीम “स्वतंत्रता संग्राम की विरासत और सिनेमा की शक्ति” है। इसका उद्देश्य न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को याद करना है, बल्कि सिनेमा के माध्यम से इतिहास, संस्कृति और सामाजिक चेतना के नए अध्याय खोलना भी है।
फेस्टिवल के तीनों दिन विभिन्न आयोजन होंगे, जिनमें शामिल हैं:
इस बार दो अनोखे कार्यक्रम भी शामिल किए गए हैं
फेस्टिवल में 32 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे ,जिनमें जापान, अमेरिका, ब्राज़ील, फ्रांस, रूस, नेपाल, तुर्की, इटली और यूके प्रमुख हैं। इन देशों से आने वाली फिल्मों में सामाजिक सरोकार, ऐतिहासिक घटनाएं, जलवायु संकट, मानवाधिकार, युद्ध और पलायन जैसे मुद्दे दर्शाए जाएंगे।
इनके माध्यम से फिल्मों का निष्पक्ष मूल्यांकन होगा और पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में फेस्टिवल का पोस्टर विमोचन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने की।
आयोजन समिति में शामिल प्रमुख सदस्य: डॉ. शाह आलम राणा, प्रो. शाह अयाज़ सिद्दीकी, जी.पी. सिन्हा, किरण बाला चौधरी, अरविंद सिंह, प्रतीक्षित सिंह। महुआ डाबर संग्रहालय (बस्ती) और बीबीएयू के इतिहास विभाग की इस आयोजन में प्रमुख भूमिका रही है।
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2025 न केवल फिल्मों का मंच है, बल्कि यह इतिहास और वर्तमान के बीच एक जीवंत पुल है। आज़ादी के अमृतकाल में आयोजित यह कार्यक्रम अतीत से सीखने और भविष्य को गढ़ने की प्रेरणा देगा। यह सिर्फ एक फिल्म समारोह नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक आंदोलन है, जो सिनेमा के माध्यम से भारतीय आत्मा को अभिव्यक्त करने का माध्यम बन चुका है।
Published on:
02 Aug 2025 11:38 am