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CBCID के ASP समेत छह पर हत्या-प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज, पत्नी की संदिग्ध आत्महत्या में जांच तेज

ASP Booked for Wife Suspicious Death:  लखनऊ में तैनात सीबीसीआईडी के एएसपी मुकेश प्रताप सिंह और उनके परिवार पर उनकी पत्नी नितेश सिंह की संदिग्ध मौत के मामले में हत्या और प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतका के भाई प्रमोद सिंह ने आरोप लगाया है कि नितेश को ससुराल में मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

लखनऊ

Ritesh Singh

Aug 05, 2025

ASP समेत परिवार पर पत्नी की संदिग्ध मौत का केस, हत्या और प्रताड़ना की धाराओं में FIR दर्ज फोटो सोर्स :Social Media
ASP समेत परिवार पर पत्नी की संदिग्ध मौत का केस, हत्या और प्रताड़ना की धाराओं में FIR दर्ज फोटो सोर्स :Social Media

CBCID Follow up: लखनऊ के महानगर थाने में सीबीसीआईडी में कार्यरत एएसपी मुकेश प्रताप सिंह और उनके परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ हत्या एवं प्रताड़ना के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई मृतक महिला नितेश सिंह की आत्महत्या की कथित संदिग्ध परिस्थितियों के बाद उसके भाई प्रमोद सिंह की तहरीर के आधार पर की गई है। मृतका का शव घर में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था, लेकिन परिजनों ने हत्या और दमन का आरोप लगाया है।

पारिवारिक और आपसी रिश्तों का सफाया

मूलतः फिरोजाबाद के नगला निवासी प्रमोद सिंह, जो पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं, ने आरोप लगाया कि 30 नवंबर 2012 को उनकी बहन नितेश की शादी मुकेश प्रताप सिंह से हुई। मुकेश इटावा के भीम नगर अजीत नगर इलाके से हैं और वर्तमान में सीबीसीआईडी लखनऊ में तैनात हैं। मामले की गंभीरता तब उजागर हुई जब प्रमोद ने बताया कि शादी के समय से ही मुकेश का कोई अन्य महिला कर्मचारी के साथ अविवाहित प्रेम संबंध था, जो कि नितेश ने मुकेश के व्हाट्सएप संदेशों से जान लिया था। विरोध के बावजूद यह संबंध जारी रहा और उसके घरवालों द्वारा शिकायत करने पर उसे नजरअंदाज किया गया।

घर में प्रताड़ना और मायावी परिस्थितियाँ

प्रमोद ने तहरीर में बताया कि नितेश को ससुराल में लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। बातचीत के दौरान जब उसने यह जानकारी परिवार को दी, तो किसी ने उसकी कोई सुध ना ली और उल्टा ससुराल पक्ष ने उसे तलाक का दबाव देना शुरू कर दिया। विशेष रूप से आरोप है कि ससुराल में जब शिकायत की गई तो मामला थाने तक पहुंचने की बजाय समझौते के लिए दबाव बनाया गया। इसके अतिरिक्त रमेश चंद्र वर्मा (पिता), सुधा चंद्रा (मां), अनुभव चंद्रा (छोटा भाई) और आस्था (बहन) भी नितेश को प्रताड़ित करने में शामिल रहे।

आत्महत्या की दिनचर्या और समय सीमा

प्रमोद के अनुसार, 30 जुलाई की दोपहर, नितेश ने फोन कर बताया कि परिवार में विवाद हो गया है और उसकी मां फांसी के फंदे से लटकी हुई पाई गई है। प्रमोद तत्काल लखनऊ पुलिस लाइन की ओर रवाना हुए, जहां उन्होंने अपनी बहन का शव घर के फर्श पर पड़ा पाया। मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना से कुछ दिन पहले ही मुकेश वाराणसी ड्यूटी पर गए थे। परिवार ने मिलकर उससे बातचीत की और सब कुछ सामान्य बताया, लेकिन यह घटना अचानक और गहराई से पनपी हुई प्रतीत होती है।

पुलिस-प्रशासन की प्रतिक्रिया एवं जांच

डीसीपी मध्य शीष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रमोद की तहरीर प्राप्त होने के आधार पर हत्या तथा उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोन संदेश, व्हाट्सएप चैट्स व परिवार के बयान एकत्रित कर मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

धाराएँ

यह मामला कई दृष्टियों से संवेदनशील है और भारतीय दंड संहिता की महत्वाकांक्षी धाराओं के तहत आता है, जैसे:

  • धारा 302 (हत्या) / 304 (गोपनीय रूप से हत्या का प्रयास)
  • धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना)
  • धारा 498A (पति या परिवार द्वारा क्रूरता)

प्रमुख कदम

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियां
  • फरवरी से जुलाई तक नितेश के बयान व व्हाट्सएप चैट
  • उत्तर प्रदेश महिला आयोग, एनजीओ और सामाजिक संगठनों को जानकारी देना
  • ज़रूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई

यह मामला स्थानीय राजनीति और महिला अधिकारों की संगीन समस्या दोनों को स्पर्श करता है। कई सामाजिक संगठन और महिला अधिकार समूह इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और न्याय व पारदर्शिता की मांग उठा रहे हैं। यदि मामला संवेदनशील रूप लेता है तो दिल्ली या लखनऊ हाईकोर्ट में लोकहित याचिका भी दायर हो सकती है।