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विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों का समर्थन पाने की होड़; उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष OBC से होने की 90% संभावना

UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 में ब्राह्मणों का समर्थन पाने की होड़ नजर आ रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष OBC से होने की 90% संभावना जताई जा रही है।

लखनऊ

Harshul Mehra

Jul 31, 2025

bjp
भाजपा। पत्रिका फाइल फोटो

UP Politics: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की ओर से अगले प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है। इसी कारण अगले प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी।

बीजेपी की आगामी रणनीतियों का इंतजार

फिलहाल पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर किसी भी तरह का फैसला बीजेपी हाईकमान की ओर से नहीं किया गया है। पहले जाटवों सहित सवर्ण, OBC और दलित समुदायों के समर्थन पर निर्भर रहने वाली बीजेपी अब राजनीतिक गठबंधनों की अस्थिरता को समझती हुई नजर आ रही है। वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। पार्टी के सदस्य और विश्लेषक बीजेपी की आगामी रणनीतियों का इंतजार कर रहे हैं।

OBC वर्ग से हो सकता है नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

पार्टी सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी पूरी हो चुकी है और अब कभी भी घोषणा की जा सकती है। संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, विभिन्न जाति वर्गों ब्राह्मण, OBC और दलित के नामों पर चर्चा हो रही है। सूत्रों की माने तो इस बार बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष के रूप में किसी OBC नेता को चुन सकती है। इसको लेकर 90 प्रतिशत तक संभावनाएं जताई जा रही हैं जबकि 10% संभावना दलित उम्मीदवार की है।

ब्राह्मण अध्यक्ष चुनकर विपक्ष को चौंका सकती है बीजेपी

हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व विपक्ष को चौंकाने के लिए एक ब्राह्मण अध्यक्ष चुन सकता है। बीजेपी सूत्रों की माने तो इस दौड़ में पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और बस्ती से पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी का नाम आगे चल रहा है। जिससे पार्टी की अप्रत्याशित नियुक्तियों की परंपरा जारी रहेगी। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी ओबीसी हैं, लेकिन उनकी जातिगत प्रमुख भूमिका ने भाजपा को उत्तर प्रदेश में ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने में मदद नहीं की।

वहीं अगर कोई दलित उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख बनता है, तो दलित प्रमुख की नियुक्ति से दलित मतदाताओं, खासकर पासी वर्ग को बनाए रखने में मदद मिल सकती है, जो लोकसभा चुनावों के दौरान अलग हो गए थे। साथ ही 2027 के विधानसभा चुनावों में दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए ये कदम उठाया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में गरमा रही ब्राह्मण राजनीति

वहीं उत्तर प्रदेश में पीडीए के विरोध के बीच, ब्राह्मण राजनीति का बोलबाला नजर आ रहा है। कुछ ही दिनों पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा में वरिष्ठ सपा नेता और पूर्व मंत्री माता प्रसाद पांडे द्वारा सांसद पर ब्राह्मण समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने के बाद ये स्थिति बनी है। पांडे, जो एक ब्राह्मण हैं, इस घटना को लेकर राजनीति करते नजर आ रहे हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री प्रतिभा सिंह ने 22 जुलाई को अकबरपुर थाने में धरना दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर ब्राह्मणों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने आरोप लगाया कि ब्राह्मणों को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यहां तक कि डिप्टी सीएम को भी फोन किया।

माता प्रसाद पांडे ने कहा कि पार्टी को उत्तर प्रदेश में किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रमुख पद पर बिठाकर विपक्षी दल के आरोपों को बेअसर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाना चाहिए।