Which Position Is Best For Heart: सभी लोग अपने हिसाब से सोना पसंद करते हैं। किसी को करवट लेकर, तो किसी को उल्टा सोने की आदत होती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपके सोने का तरीका भी आपके दिल पर असर डाल सकता है। ISRUC वेबसाइट ने एक शोध किया, जिसमें हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं।
इस शोध में स्वस्थ लोगों को सोते समय अलग-अलग तरीके से लेटाया गया। जैसे बाईं ओर लेटना, पीठ के बल लेटना, दाईं ओर लेटना और पेट के बल लेटना। इस लेख में नींद के दौरान ईसीजी वेव के आकार पर लेटने की स्थितियों के प्रभाव का पता लगाया गया, और फिर ईसीजी वेव की विशेषताओं और रैंडम फॉरेस्ट के अनुसार, लेटने की स्थिति का क्लासिफिकेशन किया गया।
इस शोध में देखा गया कि लेटने की स्थिति का समय-सीमा विशेषताओं पर कम प्रभाव पड़ा। क्यूटी अंतराल और आरआर अंतराल पीठ के बल लेटने की स्थिति की तुलना में काफी कम थे। बाईं ओर लेटने पर, P तरंग और T तरंग की ऊंचाई, QRS क्षेत्र और T क्षेत्र, QR विभवांतर और ∠QSR, पीठ के बल लेटने की तुलना में काफी कम थे।
जब लोग सोते समय बाईं करवट लेटे थे, तो हृदय पर ग्रैविटी के प्रभाव के कारण, हृदय की स्थिति बदल गई। उदाहरण के लिए, मुड़ने और घूमने से फ्रंट तल और हॉरिजॉनटल तल के वेक्टरकार्डियोग्राम में बदलाव हुआ। इस बदलाव से ईसीजी में भी परिवर्तन हुआ। दाईं करवट लेटने पर, हृदय मीडियास्टिनम पर टिका हुआ था, जिससे स्वतंत्रता की मात्रा कम हो गई, और ईसीजी वेव में कोई बदलाव नहीं हुआ
पीठ के बल सोने वाले लोगों में स्लीप एपनिया की समस्या और भी बदतर हो जाती है, जिससे हृदय संबंधी जोखिम बढ़ सकता है। इस बीच, 2025 के एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि पोजिशनल ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया पीठ के बल सोने वाले लोगों में होती है, जिससे दिल संबंधी जोखिम भी बढ़ता है।
पेट के बल सोने से रीढ़ की हड्डी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे गर्दन में दर्द और बेचैनी हो सकती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है, जो अच्छे हृदय स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
Updated on:
07 Sept 2025 11:29 am
Published on:
06 Sept 2025 03:45 pm