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Google Pay और PhonePe से पेमेंट करने पर लगेगा चार्ज! RBI गवर्नर कही ये बड़ी बात, इस बैंक ने तो कर दी शुरुआत

UPI Charges News: डिजिटल पेमेंट यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। RBI गवर्नर ने ICICI UPI ट्रांजेक्शन पर शुल्क को लेकर दी अहम जानकारी। जानें क्या है अपडेट ?

भारत

Rahul Yadav

Aug 07, 2025

UPI Charges News
UPI Charges News (Image: Gemini)

UPI Charges News: UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस आज के समय में डिजिटल लेन-देन का सबसे आसान और पॉपुलर तरीका है। हम सभी अपने मोबाइल से कुछ सेकंड में पेमेंट कर सकते हैं जिसके लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं दें पड़ता है। लेकिन अब सवाल उठने लगा है क्या UPI हमेशा फ्री रहेगा? RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस पर एक बड़ा बयान दिया है। चलिए जानते हैं क्या गवर्नर ने UPI को लेकर क्या कहा है।

RBI गवर्नर ने क्या कहा?

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ शब्दों में कहा कि UPI हमेशा के लिए फ्री नहीं रह सकता। उन्होंने बताया कि हर UPI ट्रांजैक्शन के पीछे कुछ खर्च होता है और इस खर्च को किसी न किसी को तो उठाना ही होगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कोई न कोई उस खर्च को उठाए तभी यह सिस्टम लंबे समय तक चल सकेगा।

ICICI बैंक ने शुरू की प्रोसेसिंग फीस

इस बीच एक बड़ी खबर ये है कि ICICI बैंक ने UPI ट्रांजैक्शन पर प्रोसेसिंग फीस लेना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों का खाता ICICI बैंक में है, उनसे 100 रुपये पर 0.02 रुपये का चार्ज लिया जा रहा है जिसकी अधिकतम सीमा 6 रुपये तक है। वहीं, जिनका खाता ICICI में नहीं है उनसे 100 रुपये पर 0.04 रुपये का चार्ज लिया जा रहा है जिसकी अधिकतसीमा 10 तक रुपये तक है। हालांकि अभी आम लोगों या दुकानदारों से कोई फीस नहीं ली जा रही है। ये शुल्क केवल पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनियों से लिया जा रहा है।

UPI ट्रांजेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

आज हर दिन करोड़ों लोग UPI से पेमेंट करते हैं। केवल जून 2025 में 18.4 बिलियन ट्रांजेक्शन हुए हैं जो पिछले साल से 32% ज्यादा है। गवर्नर ने बताया कि अभी तक सरकार इस सुविधा को सब्सिडी के जरिए फ्री में उपलब्ध करवा रही है। लेकिन आने वाले समय में यह मॉडल टिकाऊ (सस्टेनेबल) नहीं रहेगा जब तक कोई इसकी लागत न उठाए।

आगे क्या हो सकता है?

अभी के लिए तो यूजर्स से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा लेकिन RBI और बैंकों की बातों से यह संकेत मिल रहा है कि भविष्य में छोटे शुल्क लगाए जा सकते हैं। यह भी संभव है कि सरकार ही खर्च उठाती रहे या फिर कंपनियों और बैंकों को इसका हिस्सा देना पड़े।

कुल-मिलकर UPI ने डिजिटल पेमेंट को आसान और फ्री बना दिया है लेकिन अब सवाल है कि क्या यह मॉडल लंबे समय तक चल पाएगा? RBI का मानना है कि बिना किसी भुगतान के कोई भी सेवा हमेशा फ्री नहीं रह सकती। अब देखना होगा कि आने वाले समय में UPI पर कोई शुल्क लगता है या नहीं? अगर लगता है तो वह किससे वसूला जाएगा?