कोटा। राजस्थान में भीषण गर्मी जानलेवा हो रही है। भीषण गर्मी और हीट वेव की चपेट में आकर लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। हालांकि गर्मी से मौत की मीडिया रिपोर्टिंग के आंकड़ों और सरकार के आंकड़ों के बीच गफलत की स्थितियां बरकरार हैं। भारत सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देकर राज्य सरकार गर्मी के कारण बताई जाने वाली ज़्यादातर मौतों की पुष्टि नहीं कर रही है। इन सब गफलतों के बीच अब कोटा के एक सरकारी अस्पताल में गर्मी के कारण दो नवजात शिशुओं की मौत होने की खबर सामने आई है।
कोटा के सुकेत स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जनाना वार्ड में भर्ती दो नवजात शिशुओं की पंखे की गर्म हवा व लू लगने से मंगलवार को मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है।
मृतक नवजात के पिता दरबार सिंह ने बताया कि अस्पताल में पत्नी सपना का प्रसव कराया था। इसके बाद मां और बच्चे को वार्ड में भर्ती कर दिया गया। जहां केवल पंखे लगे हुए थे, जिनसे गर्म हवा आ रही थी। वार्ड में एक भी कूलर नहीं था। बच्चा गर्म हो रहा था, मैंने सिस्टर को बच्चे को बुखार आने की जानकारी दी, लेकिन सिस्टर ने गर्म हवा के कारण बच्चे को गर्म होना बताया।अस्पताल में डॉक्टर नहीं था।
मृतक नवजात के पिता दरबार सिंह ने बताया कि डॉक्टर होता तो शायद मेरे बच्चे की जान बच जाती। गर्म हवा की चपेट में आने से सविता पत्नी मिथुन निवासी लक्ष्मीपुर के नवजात की भी मौत हुई है। सूचना मिलने के बाद ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. रईस खान अस्पताल पहुंचे और वार्ड में 4 कूलर लगाने व 1 डॉक्टर को 24 घंटे अस्पताल में ड्यूटी के निर्देश जारी किए।
कोटा में महागर्मी के कारण हाहाकार मच गया है। गर्मी जानलेवा साबित हो रही है। भीषण गर्मी में मरने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो गई। एमबीएस अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार को 20 पोस्टमार्टम हुए हैं। जानलेवा गर्मी के बीच कोटा में चार दिन में 14 लोगों की मौत हो गई है। ये सभी भीषण हीटवेव में खुले में जीवनयापन करने वाले थे।
इतनी बड़ी संख्या में शव मोर्चरी में पहुंचने से सोमवार सुबह हड़कंप मच गया। कई शवों को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुए। कइयों को जमीन पर लेटाना पड़ा। हालांकि अस्पताल और जिला प्रशासन ने फिलहाल इनकी मौत तापघात से होने की पुष्टि नहीं की है।
कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी में 4 दिन में 12 तथा न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 2 शव पहुंचे हैं। इनमें रेलवे स्टेशन से 5 शव, बस स्टैण्ड से 1, गुमानपुरा व कोतवाली से 2-2, भीमगंजमंडी व जवाहर नगर से एक-एक शव मोर्चरी में पहुंचा।
एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में 12 अज्ञात शव पहुंचे हैं। डॉ. मीणा के अनुसार, प्रथम दृष्टया इनकी मौत लू व तापघात से होना प्रतीत नहीं होता। इनकी पहचान के लिए 48 घंटे रखना पड़ता है। फिलहाल इनकी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे। न्यू अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी मीणा ने बताया कि 8 शव पहुंचे थे, लेकिन 6 की पहचान हो चुकी है। 2 अज्ञात शव मोर्चरी में हैं।
जानकारों के अनुसार, शुरुआती लक्षणों के आधार पर तेज गर्मी और लू से खुले में जीवनयापन करने वाले इन अज्ञात लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। 45 डिग्री से अधिक तापमान होने, खाली पेट, बीमार और कमजोर शरीर पर लू का असर ज्यादा तेजी से होता है। इसके चलते कई बार ऐसे लोगों की मौत तक हो जाती है।
जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि हीट वेव से मौत का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही लगता है। जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मौत के और भी कई कारण हो सकते हैं।
कोटा जिले के दीगोद थाना अंतर्गत कंवरपुरा गांव के पास एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की चलते-चलते मौत हो गई। दीगोद थानाधिकारी रणजीत सिंह ने बताया कि राजगढ़ निवासी शांति बाई मोग्या सोमवार को मेहंदी गांव में रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में आई थी। सोमवार दोपहर बिना बताए पैदल घर से कंवरपुरा की तरफ जा रही थी। वहां अचानक गश खाकर सडक पर गिर पड़ी, फिर नहीं उठी। शुरुआती लक्षणों के आधार पर तेज गर्मी और लू से मौत की आशंका जताई जा रही है।
वहीं, बपावर कस्बे के कोटड़ा मार्ग पर स्थित 132 केवी जीएसएस के पास चल रहे मनरेगा कार्य करने के दौरान एक महिला श्रमिक की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। बपावर निवासी रुकसाना बानो सोमवार को मनरेगा में काम करने कार्य स्थल पर गई थी। काम करते समय अचानक तबीयत बिगडऩे पर उसे बपावर सीएचसी लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बारां रैफर कर दिया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
Published on:
29 May 2024 12:13 pm