kota news; कोटा की इकोनॉमी को थ्री फेज मोटर यानी कोचिंग, उद्योग और पर्यटन की तिगुनी शक्ति नया अर्थ- नई व्यवस्था दे सकती है। ट्यूरिज्म इण्डस्ट्री के लिए टाइगर बूस्टर डोज साबित हो सकते हैं। कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघ लाने की मांग पुरजोर उठाई जा रही है।
कोटा के जनप्रतिनिधि भी बाघ लाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बने एक साल पूरा हो जाएगा। कोटा-बूंदी के लोग चाहते हैं कि राज्य सरकार की वर्षगांठ से पहले हर हाल में मुकुन्दरा और रामगढ़ को बाघ-बाघ किया जाए। इसके लिए राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
एनटीसीए की हरी झण्डी, फिर देरी क्यों
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) मुकुंदरा रिजर्व में इंटरस्टेट कोरिडोर के तहत दूसरे राज्यों से बाघ लाकर छोड़ने को हरी झण्डी दे चुका है, इसके बावजूद प्रशासनिक सुस्ती के कारण बाघ केवल फाइलों में ही इधर-उधर दौड़ रहे हैं। आखिर देरी क्यों हो रही है, इसके बारे में भी अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं। पिछले एक साल में कई बार बाघ लाने की घोषणाएं हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पाई। प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने कोटा प्रवास के दौरान जल्द ही बाघों की शिटिंग की घोषणा की थी, लेकिन हवाई साबित हुई।
760 वर्ग किमी फैलाव
9 अप्रेल 2013 को मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। यह करीब 760 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें पहला बाघ रामगढ़ से वर्ष 2018 में लाकर शिट किया गया।
बाघों से आएगी बहार
टूरिज्म और टाइगर रिजर्व से जुड़े एक्सपर्ट का मानना है कि देशी-विदेशी पर्यटक का फोरेस्ट टूरिज्म प्रमुख डेस्टिनेसन हो गया है। जिस टाइगर रिजर्व में बाघ हैं, वहां अपने आप पर्यटकों आ रहे हैं। पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है और प्रदेश में देशी-विदेशी पर्यटकों का मूवमेंट शुरू हो गया है। कोटा में मुकुंदरा रिजर्व में बाघ आने पर यहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाएगी। मुकुन्दरा हिल्स में बाघ आ जाते हैं तो पर्यटन क्षेत्र में बूम आएगा व कोटा की इकोनॉमी को ग्रोथ मिलेगी। मुकुन्दरा रिजर्व में अभी सिर्फ एक बाघ व एक बाघिन की जोड़ी है।
एक दशक पहले बना टाइगर रिजर्व
मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व वर्ष 2013 में घोषित किया गया था। वर्ष 2018 से 2020 के मध्य एक बाघ व 2 बाघिनों की थोड़े-थोड़े अंतराल में शिट किया गया था। दोनों को सेल्जर क्षेत्र के जंगल में छोडा गया था। टाइगर रिजर्व के प्रारंभिक समय में छोडे गए बाघ-बाघिनों में कोई बाघ-बाघिन मुकुन्दरा में नहीं है और सालभर में किसी बाघ की शिटिंग नहीं हुई। अभी जो बाघ एमटी-5 है, उसे 3 नवबर 2022 को मुकुन्दरा में शिट किया गया तथा बाघिन एमटी-6 को गत वर्ष 9 अगस्त 2023 को मुकुन्दरा में छोड़ा गया था। वर्ष 2020 तक टाइगर रिजर्व में शावकों समेत बाघों की संया 6 हो गई थी।
प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी
Q.एनटीसीए की मंजूरी के बाद मुकुंदरा रिजर्व में बाघ शिटिंग में देरी क्यों?
A.डीसीएफ : बाघ लाने के लिए पांच हैक्टेयर में एनक्लोजर बनाया रहा है, इसका कार्य अंतिम चरणों में है। करीब दो सप्ताह में कार्य पूरा हो जाएगा।
Q.आखिर कब तक मुकुंदरा में टाइगर आ जाएंगे?
A.डीसीएफ : एनक्लोजर तैयार होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार बाघों की शिटिंग का चार्ट तय किया जाएगा। यह सारी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
Q.मुकुंदरा में कितने बाघ लाने की प्लानिंग है?
A.डीसीएफ : एनसीसीए की अनुमति के अनुसार एक बाघ-एक बाघिन का जोड़ा लाना है। इसके अलावा अभेडा़ बायोलॉजिकल पार्क से एक व्यस्क हो रहे बाघ शावक को यहां शिट किया जाएगा।
Q.मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बाघों को रखने की दृष्टि से कैसा है?
A.डीसीएफ : मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बाघों को रखने के लिए हर तरह से मुफीद है। हमारा प्रयास है कि पहले अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के मादा शावक को छोड़ा जाएगा। कार्य बहुत जल्द किया जाएगा।
Updated on:
05 Nov 2024 11:10 pm
Published on:
05 Nov 2024 11:09 pm