6 अगस्त 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

‘पुलिस मेरी जेब में है, जो करना है कर लो…’, चरस, गांजा से स्मैक तक राजस्थान में यहां 100 से 5000 रुपए तक खुलेआम मिल रही नशे की पुड़िया

Patrika Sting Operation: मना करने पर वह बाहर आया, पुड़िया दी, लेकिन शक होने पर टीम का मोबाइल छीनने की कोशिश की। जब टीम ने विरोध किया तो युवक ने बाइक की चाबी छीन ली और धमकी देते हुए कहा, "पुलिस मेरी जेब में है, जो करना है कर लो।"

नशे की पुड़िया देते तस्कर (फोटो: पत्रिका)

Drugs Sold Openly In Kota: कोटा शहर की सड़कों पर खुलेआम नशे की बिक्री की जा रही है। शहर के युवा धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में जा रहा है। नशा इतनी आसानी से उपलब्ध है कि बच्चा भी आसानी से नशे की पुड़िया को खरीद सकता है। पत्रिका की विशेष टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में स्टिंग ऑपरेशन कर यह खुलासा किया कि 100 से लेकर 5000 रुपए तक की नशीली पुड़िया बेरोकटोक बिक रही है।

शहर के नयापुरा, जवाहर नगर और किशोरपुरा थाना क्षेत्रों में खुलेआम गांजा, चरस और स्मैक की बिक्री हो रही है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है। पुलिस ने 'एरिया डोमिनेशन' जैसे अभियान सिर्फ दिखावे बनकर रह गए हैं। तस्कर बेखौफ हैं और युवाओं को लालच देकर अपने जाल में फंसा रहे हैं। पत्रिका टीम ने पूरे एक हफ्ते तक इन तस्करों पर निगरानी रखी और देखा की किस तरह यह लोग युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं। इन्हें न तो पुलिस की कार्रवाई का डर है और न ही प्रशासन का। पत्रिका टीम की शहर के तीन अलग-अलग क्षेत्र से पेश है एक रिपोर्ट।

गुमानपुरा : दूध विक्रेताओं की आड़ में नशे का कारोबार

गुमानपुरा स्थित सिंधी धर्मशाला के पीछे पत्रिका टीम पहुंची। दूध विक्रेताओं की आड़ में यहां नशा खुलेआम बेचा जा रहा है। टीम ने जैसे ही गांजे की पुड़िया के बारे में पूछा, एक युवक ने चाय की थड़ी पर भेज दिया। वहां से टीम को एक अन्य व्यक्ति के पास भेजा गया, जिसने चारों ओर देखने के बाद गांजे की पुड़िया निकाल दी। जब टीम ने चरस और स्मैक की बात की, तो उसने कहा कि "पहली बार आए हो, आते रहो, सब मिल जाएगा।" उसने एक पुड़िया दी और 200 रुपए लिए।

नयापुरा मस्जिद चौक : छत से आती है पुड़िया

यहां भी स्थिति चौंकाने वाली थी। टीम ने जैसे ही स्मैक की मांग की, युवक ने बताया कि यहां केवल गांजा मिलता है। टीम ने 200 रुपए दिए तो युवक ने छत पर खड़े व्यक्ति से पुड़िया मंगवाई और टीम को सौंप दी। युवक ने दावा किया कि इस माल जैसी क्वालिटी पूरे शहर में कहीं नहीं मिलेगी। युवक ने एमडी के 2500 रुपए तोला लाकर देने की बात कही।

घोड़ा वाला बस्ती : नशे का अड्डा, पुलिस भी बेअसर

यह इलाका नशे के सबसे बड़े अड्डों में से एक बन चुका है। टीम जैसे ही पहुंची, वहां कई लोग गांजा खरीदते दिखे। जब टीम ने पुड़िया मांगी तो युवक ने गली में आने को कहा। मना करने पर वह बाहर आया, पुड़िया दी, लेकिन शक होने पर टीम का मोबाइल छीनने की कोशिश की। जब टीम ने विरोध किया तो युवक ने बाइक की चाबी छीन ली और धमकी देते हुए कहा, "पुलिस मेरी जेब में है, जो करना है कर लो।"

पूरे शहर की यही है स्थिति

पत्रिका टीम को एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पूरे शहर में गांजा बिक रहा है। हर थाना क्षेत्र में गांजा बड़ी ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अब शहर में स्मैक से ज्यादा एमडी का नशा किया जा रहा है। यह नशा महंगा होने के कारण इसको ऑन डिमांड मंगवाया जाता है। कुछ समय पहले तो इसकी होम डिलीवरी तक शुरू कर दी थी लेकिन कुछ दिनों पहले ही पुलिस की सख्ती के चलते इसकाे बंद किया है।

कार्रवाई की जाएगी

अगर शहर में नशे का कारोबार किया जा रहा है, तो यह पूरी तरह गलत है। इसके खिलाफ सख्त अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राजेन्द्र गोयल, डीआईजी, कोटा

(इन सभी जगहों की वीडियों पत्रिका के पास उपलब्ध है)