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कोटा जिले में रविवार रात से शुरू हुआ बरसात का दौर मंगलवार को भी जारी रहा। कभी हल्की तो कभी तेज बरसात ने लोगों को सर्दी का अहसास करा दिया। सर्द हवाओं से बचाव के लिए लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। घरों में भी पंखों की गति धीमी हो गई। खेतों में पानी भरने से फसलें भीग गई वहीं हवा चलने से धान की फसल आड़ी पड़ गई। खेतों में नुकसान देख किसान चिंतित दिखे। दोपहर को बाजारों में कम ही लोगों की चहल-पहल दिखी।
बेमौसम बारिश ने समूचे क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदल दिया। मावठ की बारिश किसानों के लिए कहीं अमृत बनकर बरसी है, तो कहीं आफत बनकर। एक ओर, जहां इस बारिश से गेहूं, चना, जौ और सरसों की बुवाई के लिए खेतों को बेहतरीन नमी मिली है और सिंचाई का खर्च बचा है, वहीं दूसरी ओर, खेतों में कटकर पड़ी, धान मक्का, ज्वार, मूंगफली और पशुओं के चारे को भारी नुकसान पहुंचा है। जिन किसानों ने अफीम की बुवाई कर दी थी, उनके खेतों में पानी भरने से फसलें खराब होने की आशंका है। नुकसान झेल रहे किसान अब सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
खेतों में कटी हुई फसलें भी भीग गईं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। पशुओं के लिए रखा सूखा चारा भीग गया है, जिससे पशुओं के लिए भोजन का संकट खड़ा हो गया है। किसानों ने बताया कि इस बारिश से धान, मक्का और ज्वार की फसलों को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बोई गई अफीम की फसल के खेतों में पानी भर गया है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। इससे पहले भी बारिश हुई थी और किसान दीपावली के बाद बची हुई फसलों को इकट्ठा करने में जुटे थे, लेकिन अब रविवार से शुरू हुई इस बारिश ने उनकी चिंताएं और बढ़ा दी हैं। किसानों का कहना है कि वे इस नुकसान से दुखी हैं और अब उन्हें सरकार से मुआवजा मिलना चाहिए।
उपखंड क्षेत्र में रविवार रात्रि से शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार रात तक जारी रहा। लगातार बारिश का दौर जारी रहने से कार्तिक माह में सावन का अहसास हो रहा है। बारिश होने से सर्दी बढ़ गई। मंगलवार को सुबह से शाम तक रिमझिम बारिश होती रही। बारिश के कारण सूर्यदेव दिखाई नहीं दिए। दिनभर लोग घरों में दुबके रहे। चाय की थड़ियों पर लोगों की भीड़ लगी रही। बाजारों में अन्य दिनों के मुकाबले आवाजाही कम रही। मौसम विभाग के अनुसार 30 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। बारिश के कारण पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में आठ डिग्री की गिरावट आई है, जबकि न्यूनतम तापमान में एक डिग्री गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 29 और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री था, जबकि सोमवार, मंगलवार को अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहा है।
क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई का दौर जारी है। खेतों में मक्का, ज्वार की कटी फसल पड़ी हुई है, जिसमें नुकसान होगा, क्वालिटी में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। रबी की बुवाई में देरी होने की आशंका भी जताई जा रही है। बारिश का दौर बंद होने के बाद धूप खिलने के कुछ दिनों बाद रबी की बुवाई की जाएगी।
रामगंजमंडी में बरसात ने सर्द हवाओं के तेवर को तीखा कर दिया। सर्दी का अहसास होने से गर्म कपड़े भी अलमारियों से बाहर निकलने लगे है। यहां रिमझिम बरसात का दौर रविवार रात से चालू हुआ था जो मंगलवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि दिन के समय में बरसात ने लोगों को राहत दी। इस बीच चली सर्द हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया। लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। आसमान में दिनभर बादल छाए रहे। रात के समय में फिर हल्की बूंदा बांदी हुई। खेतों में पानी ऊपरी सतह पर होने से हवाओं के वेग के साथ ठंडी हवाओं ने उसमें तड़का लगाने का कार्य किया। बरसात के बाद मौसम में आने वाले बदलाव ने बिजली की खपत को भी कम कर दिया।
फसल खराब होने से किसान मायूस: धूलेट (कनवास). क्षेत्र में गत तीन दिन से हो रही बारिश से ग्रामीणों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। सोमवार रात में तेज हवा के साथ करीब 1 बजे झमाझम बारिश होने से धूलेट क्षेत्र में टोलिया, टोस्या व लोढाहेड़ा गांव में किसानों की खड़ी धान की फसल पूरी नीचे गिरने से किसान मायूस हो गए। किसानों ने इस वर्ष भी 20 हजार रुपए प्रति बीघा के हिसाब से खेत में मुनाफा किया था। लेकिन बारिश से फसल बर्बाद होने से किसान के ऊपर काफी कर्जा बढ़ने व परिवार का खर्चा चलाने की चिंता सताने लगी है। तेज बारिश से किसानों की कटी हुई व खड़ी धान की फसल सड़ने व नीचे गिरने से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। इससे किसान मायूस नजर आ रहे हैं। किसान अपनी पकी फसल को नष्ट होते देख आंसू बहा रहे हैं।
सांगोद क्षेत्र में बारिश का दौर दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। रातभर कभी तेज तो कभी हल्की बारिश के बाद मंगलवार दोपहर तक आसमान से बारिश की बूंदें गिरती रही। दोपहर बाद से आसमान में काले बादलों का जमावड़ा रहा। इससे पहले शहर समेत क्षेत्र में मंगलवार रातभर बारिश से सुबह खेत जलमग्न हो गए। धान के खेतों में कटी पड़ी फसल पानी में डूबी नजर आई।
किसान उपज के ढेरों को समेटते दिखे। खेतों में पकी-पकाई धान की फसलों में बर्बादी का मंजर देखकर किसानों के चेहरे पर उदासी दिखी। वहीं सांगोद क्षेत्र में बीते 48 घंटों में 55 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सांगोद व झालावाड़ क्षेत्र में बारिश से भीमसागर बांध का एक गेट खोलकर उजाड़ नदी में पानी की निकासी की गई। बताया जा रहा है कि अक्टूबर माह में पहली बार गेट खोलकर पानी निकासी की गई है।
Updated on:
29 Oct 2025 03:06 pm
Published on:
29 Oct 2025 03:02 pm
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