
जिला परिषद की बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में अपने मुद्दों को लेकर सवाल-जवाब करते जनप्रतिनिधि (फोटो: पत्रिका)
Kota Zila Parishad Board Meeting: कोटा जिला परिषद की बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में भी घटिया निर्माण का मुद्दा छाया रहा। बैठक में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी मौजूद रहे।
बैठक में नागर ने सड़क की घटिया गुणवत्ता पर पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने कहा कि घटिया सड़क के मामले में ठेकेदार से मरमत करवाएं। जब जेईएन-एईएन से लेकर एक्सईएन की देखरेख में काम होते हैं, तो उन पर क्या कार्रवाई कर रहे हो। मुझे सड़क के बारे में बता रहे हो क्या…तुमने जितनी इंजीनियरिंग की है, उससे ज्यादा तो मैंने सड़कें बना दी।
दिलावर ने कहा कि घटिया निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने जिले में अलग-अलग सड़कों को गारंटी पीरियड में ही टूट जाने की बात कही। इस पर पंचायती राज मंत्री ने एक-एक मामले में अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
दिलावर ने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की योजनाओं में सामग्री नियमानुसार लेने, ग्राम पंचायतों के निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत जिला परिषद सदस्यों के प्रस्तावित कार्यों को शीघ्र पूरा करने व प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति के लिए निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला परिषद् सदस्यों ने पेयजल, विद्युत, चिकित्सा, सड़क, परिवहन, कृषि से संबंधित समस्याओं को रखा गया। बैठक में एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, प्रशिक्षु आईएएस आराधना चौहान, उपजिला प्रमुख कृष्ण गोपाल अहीर, सांगोद के प्रधान जयवीर सिंह, लाडपुरा प्रधान हेमन्त यादव समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।
ऊर्जा मंत्री ने पिछले दो दिन में बेमौसम बरसात से नुकसान को लेकर कृषि अधिकारियों को सेटेलाइट इमेज के आधार पर सर्वे करवाने के निर्देश दिए। नागर ने कहा कि इस आधार पर बीमा कंपनी और सरकार के आपदा प्रकोष्ठ से किसानों को मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इस बारे में उनकी कृषि सचिव से भी बात हुई है।
जिला परिषद की बैठक में कांग्रेस के जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि जिला परिषद में कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है। उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करवाए जा रहे है। हर वर्ष उनसे प्रस्ताव तो मांगे जाते है, लेकिन बजट जारी नहीं किया जाता। ऐसे में उनके क्षेत्र में जनता परेशान हो रही है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की बैठक भी 11 माह बाद आयोजित हो रही है। उन्होंने जिला परिषद की बैठक हर तीन माह में करवाने की मांग की।
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि पंचायती राज में मनरेगा के काम में निर्धारित सामग्री लेकर ग्रामीणों को श्रमिक के रूप में रोजगार दिया जाता है, लेकिन पंचायतों में विधायक कोष समेत अन्य प्रकार के काम में भी टेंडर के बिना काम करवाए जा रहे हैं। मनरेगा के अलावा अन्य सभी कार्यों के टेंडर कर इन्हें पांच साल की गारंटी के साथ ठेकेदारों से कार्य करवाए जाए। जिससे काम की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। गुणवत्ता की कमी होने पर ठेकेदार से वसूली की जाए। मामले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ऊर्जा मंत्री की बात का समर्थन करते हुए मामले में गुणवत्ता से काम करने के निर्देश दिए।
दिलावर ने मीटिंग का एजेण्डा देखते ही सीईओ कमल मीणा से पूछा कि सीईओ साहब, सफाई तो आपके मीटिंग के एजेण्डा में ही नहीं है, जबकि सफाई पंचायती राज की पहली प्राथमिकता है। हर ग्राम पंचायत को एक-एक लाख रुपए दिए जा रहे हैं। ऐसे में घर-घर से कचरा उठना चाहिए। नालियों की भी नियमित सफाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार सफाई नहीं करेगा तो ग्राम पंचायत की ओर से सफाई करवाई जाएगी।
Updated on:
30 Oct 2025 11:40 am
Published on:
30 Oct 2025 11:18 am
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